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निलंबित कोटवार की बहाली के लिए कानूनगो शाखा के बाबू ने रिश्वत में 50 हजार रुपए और बकरा की मांग की।

महासमुंद। निलंबित कोटवार की बहाली के लिए कानूनगो शाखा के बाबू ने रिश्वत में 50 हजार रुपए और बकरा की मांग की। प्रार्थी की शिकायत पर पिथौरा तहसील दफ्तर में एसीबी की टीम ने दबिश दी और रिश्वत मांग करने वाले बाबू को रंगे हाथ गिरफ्तार किया।

मिली जानकारी के अनुसार प्रार्थी राजू चौहान द्वारा एंटी करप्शन ब्यूरो, रायपुर में शिकायत की गई कि वह ग्राम आरबीचीफमेन में कोटवार के पद पर पदस्थ है। कुछ दिन पहले उसे निलंबित किया गया था जिसकी बहाली के लिए आवेदन प्रस्तुत करने पर कानूनगो शाखा के माईकल पीटर, सहायक ग्रेड-2 द्वारा 50, 000 रुपए रिश्वत एवं एक बकरे की भी मांग की गई है। प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता था बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था। सत्यापन पश्चात् मंगलवार को एसीपी की टीम ने ट्रेप सेट किया और आरोपी माईकल पीटर को रिश्वती रकम की पहली किश्त 25 हजार रुपए लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। प्रकरण में आरोपी के विरुद्ध धारा 7 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत कार्रवाई की जा रही है।

प्रधान आरक्षक 10 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार

वहीं पिछले कुछ दिनों में एसीबी की टीम भिलाई के स्मृतिनगर पुलिस चौकी पहुंची, जहां प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा को टीम ने 10 हजार रुपए की रिश्वत लेते दबोच लिया। एसीबी के अधिकारियों ने बताया कि प्रार्थी बी-फार्मा का विद्यार्थी है, जो नेहरू नगर में निवास करता है। उसने एन्टी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत की थी कि उसका कुछ दिन पूर्व एक विवाद हुआ था, जिसकी शिकायत थाने में लंबित थी। जांच दौरान प्रधान आरक्षक रामकृष्ण सिन्हा से मुलाकात करने पर शिकायत का खात्मा करवाने के एवज में उसने प्रार्थी से 20 हजार रुपए की रिश्वत मांगी। 10 हजार में डील फाइनल हुई।

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