करन साहू-बिलाईगढ़। छत्तीसगढ़ के बिलाईगढ़ में रामचंद्रो नामक एक क्रेशर मशीन में बड़ा हादसा हो गया है। जहां क्रेशर में काम कर रही महिला हादसे का शिकार हो गई है। कहा जा रहा है कि, क्रेशर संचालकों के द्वारा हादसे को दबाने का भी प्रयास किया जा रहा है। बिलाईगढ़ पुलिस पूरे मामले की जांच में जुटी हुई है। मृतिका का नाम रामोतिन बाई कुर्रे बताया जा रहा है।
क्षेत्र में हो रहे कई अवैध क्रेशर संचालित
उल्लेखनीय है कि, बिलाईगढ़ क्षेत्र में कई अवैध क्रेशर और पत्थर खदान संचालित हो रही है। जिस पर लगाम लगा पाना प्रशासन के लिए भी अब चुनौती बना हुआ है। जिससे लगातार क्रेशरो में हादसे की खबर निकल कर सामने आती है। लेकिन संचालकों के द्वारा मोटा पैसा देकर हादसों को दबा दिया जाता है। क्रेशरो की चपेट में आकर कई परिवार बिखर रहे हैं। जिस पर प्रशासन आंख मूंद कर बैठी हुई है। इतनी बड़ी हादसा हो जाने के बाद भी अब तक किसी भी प्रकार की कार्यवाही क्रेशर एवं पत्थर खदानों पर नहीं की जा रही है। कई बार अधिकारियों से पूछने पर जांच का हवाला दे दिया जाता है।
प्रभारी मंत्री के निर्देश के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई
जिले के प्रभारी मंत्री एवं राजस्व मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा था कि, क्षेत्र में अवैध पत्थर खदान, अवैध खनिज परिवहन और क्रशरों पर कार्यवाही के निर्देश कलेक्टर को दे दिए गए हैं। इसके बाद भी माइनिंग विभाग एवं राजस्व विभाग के अधिकारी कर्मचारी आंख मूंद बैठे हुए हैं और प्रभारी मंत्री के निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है। प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा के आदेश को ठेंगा दिखाया जा रहा है। अब जब हादसा हो ही चुका है तब क्रशर संचालकों के द्वारा हादसे को दबाने का भी प्रयास किया जा रहा है और परिजनों के ऊपर दबाव भी डाला जा रहा है। अब हादसा होने के बाद रामचंद्रो क्रेशर संचालक के साथ साथ क्षेत्र में अवैध रूप से संचालित क्रेशर और पत्थर खदानों पर क्या कुछ कार्रवाई की जाती है यह सबसे बड़ा सवाल है।
छोटी-मोटी कार्यवाही कर वाहवाही लूटते हैं अधिकारी
खबर दिखाए जाने के बाद अक्सर माइनिंग विभाग के अधिकारी दो चार ट्रैक्टरों को पड़कर छोटी-मोटी कार्यवाही कर वाह-वाही लूटने का काम भी करते हैं।जबकि बड़े-बड़े जेसीबी, पोकलेन मशीन समेत अन्य मशीनों में सैकड़ो की संख्या में अवैध पत्थर खदान से पत्थर निकालने और क्रेशरों में बड़े-बड़े मशीनों से काम किया जा रहा है। अभी तक कोई बड़ी कार्यवाही देखने को नहीं मिल रही है। इसलिए क्षेत्र के लोग भी माइनिंग विभाग पर हमेशा सवाल खड़े करते हैं।