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युवा कृषक और शोधार्थी कल्प दास ने अपने शोध से लौकी का वजन, लंबाई और स्वाद ही बदल दिया है। लौकी की नई किस्म को नारायणा नाम दिया गया है।

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लौकी की नई किस्म अब उत्पादन को बढ़ाने के साथ स्वाद में मिठास भी घोलेगी। युवा कृषक व शोधार्थी कल्प दास ने अपने शोध से लौकी का वजन, लंबाई और स्वाद ही बदल दिया है। लौकी की नई किस्म को नारायणा नाम दिया गया है। इसकी खास बात यह है कि यह लौकी मई और जून में लगाने से 9 से 10 माह तक फल देती है। पौधे की लंबाई 60 से 70 फीट तक होती है, जो सामान्य लौकी से 10 से 20 फिट अधिक है। इसके अलावा प्रति पौधे फलों की संख्या 70 से 80 तक होती है।

लौकी एक से तीन फीट तक है, इसका अधिकतम वजन 11 किलो तक तौला गया है। कृषक कल्प ने बताया कि खेत में लौकी की खेती दादा परदादा के समय से करते आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ को लौकी की नई किस्म देने इसे तैयार किया गया है। इस किस्म का पंजीयन और पौध किस्म संरक्षण व कृषक अधिकार प्राधिकरण नई दिल्ली में करवाएंगे।

किसानों को मिलेगा किस्म का लाभ

नई किस्म के पंजीयन से प्रदेश के साथ दूसरे राज्यों के किसानों को भी इसका लाभ मिलेगा। आदिवासी क्षेत्रों में लौकी में विविधता पाई जाती है। कृषक का कहना है कि यह लौकी सामान्य लौकी के आकार में बड़ी है। इस वजह से यह लौकी त्वचा के लिए फायदेमंद है, जो त्वचा को बैक्टीरिया से बचाने का काम करती है। इसमें एंटी आक्सिडेंट भी मौजूद है, जो चेहरे को चमकदार बनाता है। इसमें कीमो प्रिवेंटिव प्रभाव पाया गया है, जो कि कैंसर को रोकने में मदद करता है। इसका जूस ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में भी मदद करता है।

पंजीयन कराएंगे

आईजीकेवी के कृषि वैज्ञानिक डॉ. दीपक शर्मा ने बताया कि, लौकी की नई किस्म किसानों और लोगों के लिए लाभकारी है। नई किस्म की लौकी स्वाद में मीठी है। इसे कृषक अधिकार प्राधिकरण भारत सरकार नई दिल्ली से रजिस्ट्रेशन कराएंगे। 

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