रायपुर। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल आंबेडकर में अब मरीजों के दिल की सेहत आसानी से दुरस्त हो सकेगी। आंबेडकर अस्पताल में लंबे वक्त से बाइपास सर्जरी नहीं हो पा रही थी। निश्चेतना विशेषज्ञों की कमी के कारण बड़ी संख्या में मरीजों को लौटाया जा रहा था, लेकिन अब आंबेडकर अस्पताल ने रिक्त पदों के लिए विज्ञापन जारी करते हुए विशेषज्ञों से आवेदन मांगे है। ना सिर्फ हृदय रोग विभाग बल्कि सहायक प्राध्यापक, सीनियर रेसीडेंट सहित रजिस्ट्रार के पदों में भी भर्तियां की जाएंगी। आंबेडकर अस्पताल ने कोरोना काल के बाद पहली बार इतनी बड़ी संख्या में भर्तियां निकाली हैं। खास बात यह है कि नियुक्ति संबंधित प्रक्रिया भी दिसंबर से ही शुरू हो जाएंगी। तय शेड्यूल के आधार पर उम्मीद की जा रही है कि जनवरी से नव-नियुक्त विशेषज्ञ अपनी सेवाएं प्रारंभ कर देंगे। इनमें से कुछ भर्तियां चिकित्सा महाविद्यालय के अधीन रहेंगी तथा कुछ नियुक्तियां आंबेडकर अस्पताल के अंतर्गत होंगी।

गौरतलब है कि आंबेडकर अस्पताल लंबे समय से विशेषज्ञों की कमी से जूझ रहा है। निश्चेतना विशेषज्ञ अर्थात मरीजों को बेहोश करने वाले विशेषज्ञों की कमी के कारण कई बार दिल का ऑपरेशन टाला गया है। हालात ये हैं कि वर्तमान में 20 दिन में एक ही मरीज का ऑपरेशन किया जा सक रहा है। दर्जनभर मरीज ऑपरेशन के इंतजार में हैं। इसके अलावा अन्य विभागों में भी नियुक्तियां लंबे समय से नहीं की गई हैं। इन पदों के लिए भी विभाग द्वारा नियुक्तियां निकाली गई हैं। हरिभूमि ने इन मामलों को गंभीरता के साथ उठाया था। मरीजों की समस्या को देखते हुए अब बड़े पैमाने पर प्रबंधन स्तर पर भर्ती की जा रही है। 

साक्षात्कार 20 से

खास बात यह है कि रिक्त पदों पर भर्तियां वॉक-इन-इंटरव्यू के जरिए प्रत्यक्ष रूप से हो रही है। इससे उम्मीदवारों को नियुक्तियां भी जल्द मिल जाएंगी और मरीजों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। जारी किए गए शेड्‌यूल के अनुसार, साक्षात्कार 20 दिसंबर को आयोजित किया गया है। इंटख्यू बोर्ड रूम अधिष्ठाता कक्ष में आयोजित किया गया है। रिक्त पदों का विवरण महाविद्यालय के सूचना पटल पर चस्पा किया जाएगा। 

डेढ़ करोड़ की मशीन अब होगी इस्तेमाल

आंबेडकर अस्पताल में फेफड़े और खून के नसों की सर्जरी की जा रही है लेकिन हार्ट की बाइपास सर्जरी लंबे समय से ठप है। आंबेडकर अस्पताल में इसकी प्रक्रिया शुरू करने के लिए डेढ़ करोड़ रुपए की हार्टलंग्स मशीन दी जा चुकी है, लेकिन भर्ती नियम नहीं बनाए जाने के कारण इन्हें चलाने के लिए परफ्यूजनिस्ट और कार्डियक सर्जरी फिजिशियन असिस्टेंट की भर्ती नहीं हो पाई थी। इनके लिए तीन-तीन पद पहले ही स्वीकृत हो चुके थे। अब संविदा सेवा भर्ती नियम के तहत नियुक्ति का निर्णय लिया गया है। अस्पताल प्रबंधन की तरफ से अन्य राज्यों से तुलना कर भर्ती नियम की जानकारी सामान्य प्रशासन विभाग को दे दी गई थी।

मेडिकल कॉलेज के अधीन पद

सहायक प्राध्यापक 56 पद
सीनियर रेसीडेंट नियमित 10 पद
सीनियर रेसीडेंट संविदा 96 पद
रजिस्ट्रार मेडिकल फिजिक्स 4 पद
सीटीवीएस विभाग के लिए सहायक प्राध्यापक 12 पद
सीनियर रेसीडेंट के नवीन सृजित 10 पद
परफ्यूसिनिस्ट 3 पद
फिजिशियन असिस्टेंट कार्डियक सर्जरी 3 पद

आंबेडकर अस्पताल के अधीन पद

ब्लड ट्रांसफ्यूजन ऑफिसर 1 पद
जनरल ड्यूटी मेडिकल ऑफिसर 11 पद
सहायक प्राध्यापक रेडियोथेरेपी 2 पद
केजुअल्टी मेडिकल ऑफिसर 1 पद
मेडिकल ऑफिसर 1 पद
रेसीडेंट 1 पद
फिजियोथेरेपिस्ट 1 पद

जूडो लेंगे राहत की सांस

चिकित्सकों के अभाव में 18 से 36 घंटे बगैर आराम किए जूडो को कार्य करना पड़ता है। इसे लेकर कई बार उनके द्वारा आंदोलन भी किया जा चुका है। सीनियर रेसीडेंट की भर्ती के बाद उन्हें इसमें थोड़ी राहत की उम्मीद है। आंबेडकर अस्पताल की ओपीडी में रोजाना हजारों मरीज आते हैं। नई भर्तियों से उन्हें भी अधिक इंतजार नहीं करना पड़ेगा।