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आंबेडकर अस्पताल पहुंची महिला के गले से करीब डेढ़ लाख रुपए कीमत का मंगलसूत्र पार कर दिया गया। इमरजेंसी वार्ड में लगे सीसीटीवी में संदेही कैद हुआ। 

रायपुर। आधी रात तबीयत खराब होने पर आंबेडकर अस्पताल पहुंची महिला के गले से करीब डेढ़ लाख रुपए कीमत का मंगलसूत्र पार कर दिया गया। इमरजेंसी वार्ड में लगे सीसीटीवी में कैद हुआ संदेही, महिला को लेकर एक्स-रे रूम के भीतर गया था। परिवार वालों ने इसकी शिकायत थाने में की, मगर मंगलसूत्र की रसीद की मांग करने वाली पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। मोवा में रहने वाले राकेश कटरे ने बताया कि 15 फरवरी को उसकी मौसी की तबीयत अचानक बिगड़ गई। अन्य रिश्तेदारों के साथ मौसी को लेकर वह रात करीब 12 बजे आंबेडकर अस्पताल गया था। वहां इमरजेंसी विभाग में जांच के बाद चिकित्सकों ने एक्स-रे और एमआरआई कराने की सलाह दी थी। 

वार्ड में मौजूद एक युवक जिसे मामले का संदेही माना जा रहा है, वह व्हील चेयर धकेलकर महिला को एक्स-रे रूम तक ले गया। कुछ देर बाद वह एक्स-रे कक्ष से निकलकर चला गया। एक्स-रे रूम के टेक्निशियन ने जब जांच के लिए महिला के शरीर से सोने-चांदी के जेवर निकालने कहा, तब परिवार वालों को मंगलसूत्र गायब होने का पता चला। उन्होंने अस्पताल से सीसीटीवी फूटेज निकलवाकर मामले की शिकायत मौदहापारा थाने में की। आरोप है कि वहां शिकायती आवेदन तो लिया गया, मगर एफआईआर कर संदेही की तलाश करने के लिए परिवार वालों से मंगलसूत्र की रसीद मांगी। दूसरी ओर मौदहापारा थाना प्रभारी का कहना है कि घटना की सूचना दी गई थी, परिवार वालों को दूसरे दिन एफआईआर के लिए बुलाया गया था मगर वे नहीं आए।

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होती रहती हैं चोरी की घटनाएं 

अस्पताल में इलाज के लिए दूरदराज से आने वाले मरीजों और उनके सगे-संबंधियों के साथ चोरी की घटनाएं होती रहती हैं। अस्पताल से अक्सर मोबाइल चोरी, बैग अथवा कीमती सामान गायब होने की शिकायत थाने पहुंचती रहती है। कुछ समय पहले यहां के स्त्री एवं प्रसूति रोग विभाग से एक बच्चा भी चोरी हो गया था। पुलिस की सक्रियता से बड़ी अनहोनी होने से बच गई और महिला चोरों को पकड़कर उससे नवजात बरामद कर लिया गया था।

बाहर गार्ड तैनात 

इमरजेंसी एवं ट्रामा विभाग में बिना जरूरत जाने की मनाही है। इसके दरवाजे पर सुरक्षा गार्डों की तैनाती होती है, जो आने जाने वालों से पूछताछ करते रहते हैं। इमरजेंसी विभाग के वार्ड में संदेही के मौजूद होने और काफी देर तक इधर-उधर घूमने से सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठ रहे हैं। इस बात की संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा है कि मरीज के रिश्तेदार उसे अस्पताल स्टाफ समझते रहे और चिकित्सकीय स्टाफ उसे मरीज का रिश्तेदार मानते रहे।

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