रायपुर। इंजीनियरिंग पाठ्यक्रमों के द्वितीय वर्ष में लेटरल एंट्री संबंधित नियमों में एमसीए में दाखिले की पात्रता में भी बदलाव किए गए हैं। अब तक निश्चित संकायों में बदलाव के साथ ही स्नातक की उपाधि हासिल करने वाले छात्र ही एमसीए अर्थात मास्टर इन कंप्यूटर एप्लीकेशन के लिए आवेदन कर सकते थे, लेकिन अब इसमें बदलाव कर दिया गया है। किसी भी संकाय में ग्रेज्यूएशन की उपाधि रखने वाले छात्र एमसीए करने के लिए पात्र होंगे। हालांकि इसके लिए जरूरी होगा कि छात्रों ने हायर सेकंडरी अथवा स्नातक स्तर पर गणित संबंधित विषय का अध्ययन किया हो।
एमसीए में दाखिले के लिए व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। स्नातक की उपाधि हासिल करने के साथ ही छात्रों को इस प्रवेश परीक्षा में शामिल होना होगा। इसमें प्राप्त अंकों के आधार पर छात्रों को महाविद्यालयों में सीटें आवंटित की जाएंगी। इस बार एमसीए का आयोजन 13 जून को किया जा रहा है। इसके लिए आवेदन प्रक्रिया पहले ही पूर्ण हो चुकी है। इस प्रवेश परीक्षा में प्राप्त अंकों ही दाखिले का आधार बनेंगे।
पहले इन्हें मिलता था प्रवेश
राजपत्र में प्रकाशित अधिसूचना के अनुसार, पूर्व में बीई-बीटेक, बीएससी, बीकॉम, बीए, बी. वोकेशनल, बीसीए तथा कला संकाय में स्नातक उपाधि प्राप्त छात्रों को ही प्रवेश मिलता था। इसके साथ ही अनिवार्य था कि उन्होंने हायर सेकंडरी की पढ़ाई गणित के साथ की हो अथवा स्नातक स्तर पर गणित संबंधित किसी विषय का अध्ययन किया हो। अन्य नियम यथावत हैं, केवल पूर्व निर्धारित संकायों के स्थान पर सभी संकाय के स्नातकों के लिए प्रवेश खोल दिया गया है। जून माह से प्रारंभ हो रहे नवीन शैक्षणिक सत्र से यह मान्य होगा।
नहीं भरती सीटें
नए नियम से उम्मीद है कि एमसीए की रिक्त जा रही सीटें भर जाएं। प्रदेश में एमसीए की बीते सत्र में 407 सीटें थी। सीट के बराबर आवेदन ही व्यापम को मिलते रहे हैं। आवेदन निःशुल्क किए जाने के बाद प्रवेश परीक्षा में बैठने वाले कैंडिडेट्स की संख्या में वृद्धि हुई है, लेकिन छात्रों ने प्रवेश में दिलचस्पी नहीं दिखाई। एमसीए के स्थान पर छात्र कंप्यूटर इंजीनियरिंग में दाखिले को तवज्जो दे रहे हैं। यही कारण है कि इसकी सीटें खाली जा रही हैं।