रायपुर। छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खात्मे के लिए प्रतिबद्ध राज्य सरकार जल्द ही नक्सलियों के सरेंडर की नई पॉलिसी लाने की तैयारी में है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पिछले महीने अपने छत्तीसगढ़ प्रवास के दौरान इस संबंध में जानकारी दी थी। 

राज्य पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, अब पॉलिसी बनाने रायशुमारी का काम शुरू हो गया है। ऐसे संकेत मिले हैं कि नई पॉलिसी पिछली नीति से बेहतर होगी। समर्पण करने वाले नक्सलियों को आर्थिक मदद, उनके हथियारों का बढ़ा मुआवजा और उन्हें सरकारी योजना के तहत आवास देने के प्रावधान किए जा सकते हैं।

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नक्सलवाद का होगा खात्मा

जानकार सूत्रों के अनुसार, राज्य से नक्सली समस्या का पूरी तरह उन्मूलन करने की तैयारी है। फिलहाल नक्सल मोर्चे खासकर बस्तर में पुलिस और सुरक्षा बल नक्सलियों की मांद में घुसकर प्रहार कर रहे हैं। नक्सलियों के खिलाफ लगातार हो रही लड़ाई से नक्सली संगठन बैकफुट पर हैं। इस लड़ाई के साथ- साथ सरकार का ये विचार भी है कि ऐसी सरेंडर पॉलिसी लाई जाए कि नक्सली हथियार छोड़कर खुद मुख्यधारा में लौट आए। नई पॉलिसी में इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। दूसरी ओर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि मार्च 2026 तक पूरे देश से नक्सलवाद को समाप्त कर दिया जाएगा।

सरेंडर पॉलिसी में हो सकते हैं ये प्रावधान
राज्य पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने संकेत दिया है कि नई सरेंडर पॉलिसी में समर्पण करने वाले नक्सलियों को दी जाने वाली राशि बढ़ाई जा सकती है। अब तक कैडर के आधार पर यह राशि 10 से 25 हजार रुपए तक दी जाती है। इसी तरह नक्सली जब हथियारों के साथ समर्पण करते हैं तो उनके हथियार जैसे एके 47, एसएलआर, भरमार बंदूक, पिस्टल आदि का मूल्यांकन कर उसकी राशि दी जाती है। यह राशि भी बढ़ाई जा सकती है। इसी क्रम में आत्मसमर्पितों को निवास के लिए मनचाहे शहर या गांव का विकल्प दिया जाएगा। मकान ऐसा होगा जिसमें उनका पूरा परिवार एक साथ रह सके। रोजगार के लिए कौशल विकास की योजनाएं चलाई जाएंगी। इसके तहत उन्हें प्रशिक्षण मिलेगा। स्वरोजगार चाहने वाले आत्मसमर्पित नक्सलियों को कम ब्याज पर लोन मिलेगा। इसके अलावा पुलिस उनके न्यायालयीन प्रकरणों को सुलझाने में भी मदद के प्रावधान किए जाएंगे।

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आठ महीने में पौने दो सौ ने किया समर्पण
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों पर सुरक्षा बलों का दबाव बढ़ने के साथ ही समर्पण करने वालों की संख्या भी बढ़ रही है। सूत्रों के अनुसार पिछले आठ महीनों में यानि 2024 में अब तक राज्य और केंद्र सरकार के नक्सल विरोधी मुहिम की संयुक्त कार्रवाई में अब तक छत्तीसगढ़ में साल 2024 में 175 माओवादी सरेंडर कर चुके हैं, जबकि अलग-अलग माओवादी घटनाओं में शामिल 346 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने गिरफ्तार किया है।