■ प्रयोग का गढ़ बना बूढ़ातालाब
■ हर बार राजनीति की चढ़ी भेंट सरोवर धरोहर
प्रदीप शर्मा- रायपुर। हर बार सरोवर धरोहर राजनीति की भेट चढ़ी। शहरी सरकार से लेकर सरकारी एजेंसी तक ने सौंदर्गीकरण के नाम पर बूढ़ातालाब को प्रयोग का गढ़ बनाने से नहीं चूकी। यही वजह है कि शहर के सबसे प्राचीन तालाब की तलछटी को सील्ट ने निगल लिया है, वाटर रीचार्जिंग पाइंट को एक्सपर्ट तक नहीं ढूंढ पाए। अब आलम ये है, तालाब को गर्मी में सूखने से बचाने महाराजबंद तालाब के पास करोड़ों रुपए खर्च कर सीवरेज प्लांट लगाने की नौबत आ गई। बूढ़ातालाब को संरक्षित रखने और उसकी भव्यता बढ़ाने रायपुर नगर निगम, पर्यटन मंडल और रायपुर स्मार्ट सिटी ने अलग-अलग योजनाएं बनाकर करीब 50 करोड़ खर्च कर डाले। इसकी शुरुआत तत्कालीन महापौर तरुण चटर्जी के कार्यकाल में हुई, जब बूढ़ातालाब के अंदर जमा कचरा, मिट्टी और मलबा निकालने बाहर से मशीन मंगाकर तालाब में उतारी गई।
सूत्रों के मुताबिक उस समय तालाब के एक छोर से दूसरे छोर तक रास्ता बनाने का काम चला। पुराने तालाब के बीच रास्ता बनाए जाने का लोगों ने काफी विरोध किया, तब जाकर आनन फानन में तालाब के बीच सड़क बनाने का काम रोकना पड़ा। जानकारों का कहना है, उस समय भारी भरकम मशीन को तालाब में उताकर यहां-वहां जमी गंदगी को बाहर करने का काम किया गया। शहरभर में इसकी खूब चर्चा रही। तब आसपास के लोग उत्सुकता के साथ बूढ़ातालाब के पास यह नजारा देखने पहुंचते थे। उस समय तालाब से निकलने वाले गंदे पानी को बूढ़ापारा के इंडोर स्टेडिम वाली खाली जगह पर छोड़ा गया। यह बात कई लोगों को आज भी जुबानी याद है। इस काम में उस समय एकमुश्त बड़ी रकम खर्च की गई ।
नगर निगम ने तालाब को करवाया जलकुंभी मुक्त
महापौर एजाज देबर के कार्यकाल की शुरुआत में निगम ने बूढ़ातालाब को जलकुंभी मुक्त कराने स्थानीय मछुआरों और सफाई कर्मचारियों की सहायता से अभियान चलाया। इस दौरान भारी मात्रा में तालाब से जलीय वनस्पति और जलकुंभी बाहर निकाली गई। इसके बाद रायपुर स्मार्ट सिटी अस्तित्व में आने पर महापौर एजाज ढेबर की परिषद ने पर्यटन मंडल से अनुबंधित एजेंसी की जगह रायपुर स्मार्ट सिटी को बूढ़ातालाब सौंदर्गीकरण कार्य का जिम्मा दिया।
2 फेज में काम, 37 करोड़ खर्च
रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने बूढ़ातालाब सौंदर्गीकरण के लिए ऑनलाइन टेंडर कर 2 फेज में अनुबंधित एजेंसी से काम कराया। इस कार्य में 37 करोड़ तालाब सौंदर्याकरण पर खर्च हुए, जिसमें 5 करोड़ का पानी पर तैरता म्यूजिकल फाउंटेन, टनल फाउंटेन से लेकर नीलाभ गार्डन तक आने-जाने के लिए रास्ता बनाया गया। लेजर शो, रंगीन लाइटें, बच्चों के लिए पार्क विकसित करने का काम इसमें शामिल रहा।