रायपुर। केन्द्र सरकार ने देश के 100 चुनिंदा शहरों में शामिल रायपुर, नवा रायपुर और बिलासपुर को स्मार्ट बनाने खजाना खोल दिया था, लेकिन ये शहर मियाद खत्म होने तक स्मार्ट नहीं बन पाए। इन तीनों शहरों के लिए तकरीबन 2500 करोड़ रुपए दिए गए थे। सात बरस में इन शहरों को संवारने की रफ्तार ऐसी रही कि केंद्र की दी गई मियाद खत्म हो गई, लेकिन काम पूरा नहीं हुआ। आधे-अधूरे कामों को पूरा करने केंद्र ने अब नौ माह की मोहलत दी है, उसके बाद स्मार्ट सिटी का अध्याय बंद हो जाएगा। इन नौ माह में तकरीबन 700 करोड़ के काम कराए जाने हैं। यह कैसे होगा?
अफसर भी नहीं बता पा रहे हैं। यहां यह बताना लाजिमी है कि आपाधापी में कई ऐसे काम भी करा लिए गए हैं, जो धरातल पर नजर ही नहीं आ रहे हैं यानी खजाने का खुला दुरुपयोग किया गया है। रायपुर स्मार्ट सिटी को इन वर्षों में जहां 900 करोड़ की राशि मिली, इसमें से अब तक 740 करोड़ के काम पूरे हुए, जबकि 16 प्रोजेक्ट पर 250 करोड़ के काम को मार्च 2025 तक पूरा करना रायपुर स्मार्ट सिटी के लिए एक चुनौती है। वहीं नया रायपुर के हिस्से में 54 प्रोजेक्ट स्मार्ट सिटी के रूप में आए। इसके लिए 850 करोड़ की राशि मिली। 35 प्रोजेक्ट अब तक पूरे हुए, 19 प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है।
15 वार्ड में 24 घंटे पानी पहुंचाने का काम अधूरा
रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने पॉयलट प्रोजेक्ट के एबीडी एरिया के 15 वार्डों में 24 घंटे पानी पहुंचाने का प्रोजेक्ट हाथ में लिया। 5 साल बाद भी इस प्रोजेक्ट का लाभ शहरवासियों को नहीं मिल पाया। मोतीबाग और गंज पानी टंकी को कमांड एरिया बनाकर इन 15 वार्डों में नई पाइप लाइन बिछाने, इंटर कनेक्शन करने और स्वचालित वाटर मीटर लगाने के साथ ही इसकी निगरानी के लिए स्कॉडा सिस्टम विकसित करने की योजना रही। यह काम अभी भी अधूरा है, बारिश के बाद पाइप लाइन टेस्टिंग का काम पूरा होगा। 158 करोड़ के इस प्रोजेक्ट को मार्च 2025 तक हर हाल में पूरा करना होगा।
महाराजबंध तालाब में 15 करोड़ का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट
बूढ़ातालाब और महाराजबंध तालाब में नाले का गंदा पानी को साफ करने 15 करोड़ 77 लाख की लागत से 5 एमएलडी क्षमता का सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट प्रोजेक्ट पर काम 5 साल पहले शुरू कराया। अनुबंधित कंपनी के काम की सुस्त रफ्तार के कारण एसटीपी निर्माण का काम पूरा नहीं हो पाया है। सूत्रों के मुताबिक इनलेट स्क्रीनिंग, पीटी यूनिट, ट्रीटमेंट टैंक, पैनल रूम, लैब का काम 45 फीसदी हो पाया है, जबकि स्लग होल्डिंग टैंक, एडमिन ब्लाक, बांउड्रीवाल, गार्डरूम बनाने का काम 80 फीसदी बाकी है।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर काम
नवा रायपुर में आम जनता की सुविधा के लिए पब्लिक बाइक शेयरिंग सिस्टम और रेपिड बस ट्रांजिट सिस्टम पर काम किया गया है। नया रायपुर अटल नगर स्मार्ट सिटी लिमिटेड ने 55 किलोमीटर के दायरे में साइकिल ट्रेक, जीपीएस ट्रेकिंग सिस्टम, ऐप स्मार्ट कार्ड और मोबाइल फोन से भुगतान कर साइकिल किराये पर उपलब्ध कराने के प्रोजेक्ट पर काम किया, लेकिन इसका कितना इस्तेमाल हो रहा है, यह देखा जा सकता है।
210 करोड़ के दस निर्माण कार्यों का नया ठेका
नवा रायपुर में रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी के 210 करोड़ रुपये के निर्माण कार्य का ठेका रद्द होने के बाद नया टेंडर किया गया है। सेंध जलाशय में निर्माण कार्य, सेक्टर 19 में बस पार्किंग, मंत्रालय के चारों ओर उद्यान, सेक्टर 32 की कालोनी में उद्यान सुधार सीबीडी रेलवे स्टेशन के पीछे सड़क व पार्किंग सीवरेज लाइन के साथ रीसाइकिल वाटर प्रोजेक्ट, आंगनबाड़ी भवन, स्कूल भवन निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इसमें ग्राम राखी में स्कूल निर्माण गार्डन डेवपलमेंट, सेंध जलाशय के सौंदर्गीकरण व पौधा रोपण का काम होना है।
5 करोड़ का म्यूजिक फाउंटेन बना स्मारक
ऐतिहासिक बूढ़ातालाब के सौंदर्गीकरण के लिए रायपुर स्मार्ट सिटी ने तालाब के बीच 5 करोड़ का सबसे महंगा म्यूजिकल फाउंटेन लगवाया। इसकी खासियत ये रही कि रंगीन रोशनी के बीच संगीत की स्वर लहरियों के साथ यह लोगों को सुकून देने का काम करता, पर शुरुआत के कुछ दिन तक म्यूजिकल फाउंटेन चलने के बाद खराब होने से एक अरसे से बंद पड़ा है। यानी 5 करोड़ पानी में डूब गये। इसी तरह तालाब किनारे लगाई गई महंगी लाइटें भी बंद पड़ी हैं। इस तालाब के सौंदर्गीकरण में दो फेज में रायपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड 29 करोड़ खर्च कर चुका है।
नवा रायपुर स्मार्ट सिटी के 54 प्रोजेक्ट में 35 पूरे, 19 अधूरे
2017-18 में अस्तित्व में आए नवा रायपुर में स्मार्ट सिटी ने 850 करोड़ की लागत से 54 प्रोजेक्ट पूरा करने काम शुरू किया। इनमें से 35 प्रोजेक्ट पूरे हुए, 19 अधूरे हैं, जिन पर काम चल रहा है। नवा रायपुर में जो प्रोजेक्ट पूरे हुए, उनमें अटल नगर के 8 प्रवेश और निकास बिंदु पर स्वचालित नंबर प्लेट पहचान प्रणाली, ओवर स्पीडिंग करने और हॉट लिस्टेड लाइन का पता चलने की स्थिति में वास्तविक समय एलर्ट प्रदान करने का सिस्टम शामिल हैं। इन दोनों प्रणाली को ई चालान प्रणाली के साथ एकीकृत किया गया है। रायपुर स्मार्ट सिटी की तर्ज पर नवा रायपुर में आईटीएमएस सिस्टम से निगरानी की व्यवस्था बनाई गई है।
इन प्रोजेक्ट पर चल रहा काम
■ नरैया तालाब में 5 करोड़ 44 लाख की लागत से 1 एमएलडी का एसटीपी
■ मटन मार्केट निर्माण
■बहुमंजिला शास्त्री बाजार
■ प्रमुख मार्गों में करीब 40 करोड़ की लागत से अंडरग्राउंड केबलिंग का काम
■14 जगह वैरीयस गार्डन निर्माण
■ 3 जगह स्मार्ट रोड
■ देश के 100 चुनिंदा स्मार्ट सिटी में रायपुर, नवा रायपुर और बिलासपुर शहर शामिल
■ मार्च 2025 तक स्मार्ट सिटी की बढ़ी मियाद,अधूरे प्रोजेक्ट को पूरा करने दिया मौका
■ रायपुर स्मार्ट सिटी को शहर की सूरत बदलने मिले थे 900 करोड़
200 करोड़ के काम अधूरे कैसे पूरे होंगे 9 माह में
बिलासपुर। बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड को 9 महीने का और एक्सटेंशन मिल गया है। लेकिन सवाल ये है कि क्या यह समय 200 करोड़ रुपए के कामों को पूरा करने के लिए पर्याप्त है। अधिकारियों और ठेकेदारों की लेटलतीफी के चलते बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड के तहत कन्वेंशनल सेंटर, स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और रोड सहित करोड़ों से अधिक के काम अधूरे हैं। दूसरी ओर स्मार्ट सिटी 2.0 के लिए भले ही बिलासपुर का चयन हो गया है, लेकिन इसके तहत केवल सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के कार्य होने हैं। ज्ञात हो कि, स्मार्ट सिटी के अनुदान के लिए चयन से लेकर कंसल्टेंट कंपनी की नियुक्ति और फिर टेंडर के मामलों में बिलासपुर रायपुर की तुलना में 3 साल पीछे रहा। अनुदान के लिए आयोजित प्रतियोगिता के तीसरे चरण में बिलासपुर का चयन हुआ। निर्माण कार्यों के लिए उचित कंपनियों के सामने नहीं आने के कारण प्रबंधन को कई प्रोजेक्ट लोकल ठेकेदारों को देने की नौबत रही, नतीजतन हर काम लेट होते जा रहे हैं।
एसटीपी, स्मार्ट सड़क और सौंदर्याकरण बाकी
स्मार्ट सिटी के आखिरी चरण में आम लोगों की सुविधा से जुड़े 200 करोड़ से अधिक के कार्य ठेकेदारों की लेटलतीफी से अधूरे हैं। यह है कार्यों की स्थिति
26 करोड़ का कन्वेंशनल सेंटर
कोनी में 26 करोड़ की लागत से कन्वेंशनल सेंटर के निर्माण का कार्य रायपुर कंस्ट्रक्शन कंपनी को 30 जून तक करना था, लेकिन 50 फीसदी काम बाकी है। स्मार्ट सिटी के अधिकारियों के अनुसार समय पर काम नहीं करने पर ठेका निरस्त करने नोटिस दिया गया है। वहीं, 16 दुकान, 16 कार्यालय और हाल के किराए का लगातार नुकसान हो रहा है।
दो मल्टीलेवल पार्किंग अधर में
कोतवाली थाना परिसर में मल्टी-लेवल कार पार्किंग सह व्यवसायिक कांप्लेक्स के निर्माण के लिए जेपी कंस्ट्रक्शन कंपनी को 28.74 करोड़ का ठेका दिया गया। ग्राउंड फ्लोर पर 46 दुकानों का निर्माण कर उसके विक्रय से अर्जित 18 करोड़ से पुलिस क्वार्टर और थाने का नवीनीकरण किया जाना है लेकिन कार्य अधूरा है और प्रक्रियात्मक चूक के चलते दुकान के विक्रय का मामला ही अधर में अटक गया है। इसी के साथ पुराने बस स्टैंड में आटोमेटेड शटल टाइप मल्टीलेवल पार्किंग का काम दो साल में प्लींथ लेवल से ऊपर नहीं पहुंच सका है।
28.56 करोड़ के 3 प्रोजेक्ट लगभग पूरे
हालांकि बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने तीन बड़े प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। शहर के पुराने और प्रतिष्ठित शासकीय बहुउद्देशीय उच्चतर माध्यमिक मल्टीपरपज स्कूल मैदान को मिनी स्टेडियम और ट्रेनिंग हॉल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी तरह संजय तरण पुष्कर परिसर में स्पोर्ट्स कांप्लेक्स बनाया जा रहा है। गर्ल्स कालेज में पिंक स्टेडियम की सौगात मिल चुकी है। जाहिर है जल्द ही 28.56 करोड़ के 3 प्रोजेक्ट्स का फायदा खिलाड़ी उठा सकेंगे। खिलाड़ियों को सर्व सुविधायुक्त मैदान, ट्रेनिंग हॉल और प्रैक्टिस के लिए जगह मिलेगी।
तेजी से काम करने कहा गया
स्मार्ट सिटी के एमडी अमित कुमार ने बताया कि, जो कार्य अधूरे हैं, उनके विषय में स्मार्ट सिटी मिशन के अधिकारियों को तेजी से काम करने कहा गया है। 9 महीने में शहर को और स्मार्ट बनाने की दिशा में तेजी से काम होगा।