छन्नू खंडेलवाल-मांढर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर आउटर इलाके में पूर्ववर्ती सरकार द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क एवं विकास योजना के अंतर्गत विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न सड़कों के लिए नवीनीकरण घोषणा हुई थी। लेकिन यहां निर्माण कार्य में ठेकेदार की मनमानी सामने आई है। जहां सड़क के किनारे मुरुम की जगह मिट्टी डाला जा रहा है।
सड़क के साइड सोल्डर में मिट्टी डालने से सड़क कितने दिन तक टिकाऊ रहेगा कुछ कहा नहीं जा सकता है। जब सड़क का किनारा ही कमजोर होगा तो सड़क की गुणवत्ता का अंदाजा लगाया जा सकता है। ग्रामीणों में गुणवत्ताहीन निर्माण को लेकर रोष का माहौल है। ग्रामीण गुणवत्ताहीन हो रहे सड़क निर्माण की शिकायत कलेक्टर से करने की तैयारी में है।
मुरुम की जगह किया जा रहा मिट्टी का प्रयोग
उल्लेखनीय है कि, ग्राम टेकारी नहर पुलिया से मांढर हाई स्कूल तक अकोली से गिधौरी तक बरबंदा से अंडबधा तालाब तक करोड़ों की लागत से सड़क का डामरीकरण का कार्य हो रहा है। निर्माण कार्य का ठेका मेसर्स रत्ना खनिज उद्योग बसना को मिला है। लेकिन कई अनियमितताएं देखने को मिल रही है। सड़क निर्माण में की जा रही गड़बड़ी को विभाग के फील्ड इंजीनियर द्वारा नजरअंदाज किया जा रहा है। निर्माण कार्य में ठेकेदार द्वारा नियमों को ताक में रख कर मुरुम की जगह मिट्टी का उपयोग किया जा रहा है। बावजूद इसके निर्माण एजेंसी के जिम्मेदार अधिकारी मौके पर जाकर गुणवत्ता नहीं जांच रहे हैं। जिसके चलते डामरीकरण सड़क पर धूल के गुबारे उठे रहे हैं।
आंखें मूंदे बैठे हैं अफसर
सड़क निर्माण के कार्य मे ठेकेदार द्वारा पीडब्ल्यूडी के नाक के नीचे यह कार्य किया जा रहा है। ठेकेदार की इस गफलत की जानकारी होने के बाद भी अफसर आंख मूंदे बैठे हैं। ऐसी क्या वजह है कि, विभाग के आला अधिकारी ठेकेदार को मनमानी करने की छूट दे रखी है। अगर ऐसा ही हाल रहा तो विभाग और ठेकेदार की मिलीभगत से करोड़ों की लागत से बन रही सड़क जल्द ही खराब हो जाएगी।