नौशाद अहमद-सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में करंट की चपेट में आने से इलाके के खूंखार हाथी बहरादेव की मौत हो गई। बताया जाता है कि, यह हाथी दल में न घूमकर अक्सर स्वच्छंद ही घूमा करता था। ये अकेला ही पूरे जिले के लिए मुसीबत का सबब था। बहरादेव की मौत के बाद वन विभाग की टीम भी मौके पर पहुंच चुकी है। घटना सूरजपुर वन परिक्षेत्र की है।
बता दें कि, पिछले डेढ़ वर्षों से बहरादेव नाम का हाथी स्वच्छंद विचरण कर रहा था। यह अकेला ही कई गांवों में फसलों, घरों और लोगों को नुकसान पहुंचाता था। इसे नियंत्रित करने के सारे उपाय फेल हो चुके थे। इस हाथी को रोकने के लिए ही वन विभाग की टीम ने जंगल में ही अस्थाई हाथी ट्रांजिट फैसिलिटी सेंटर विकसित किया था। उन्होंने जंगल में ही चारा-पानी की व्यवस्था कर दी थी। इससे हाथी के जंगल से बाहर नहीं निकलने की उम्मीद बढ़ गई थी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
गन्ने का शौकीन था बहरादेव
बहरादेव हाथी गन्ने का शौकीन था। अक्सर वह गन्ना उत्पादक क्षेत्र में ही विचरण करता था और गन्ने की फसलों को नुकसान पहुंचाता था। बलरामपुर जिले के धंधापुर, रेवतपुर, दुप्पी चोरा, खोखनिया, सूरजपुर जिले के कल्याणपुर, मंजीरा और सरगुजा के सकालो, घघरी क्षेत्रों में इस हाथी का आना-जाना रहा।
दिन में भी मचाता था आतंक
इस हाथी ने रात तो रात दिन में भी उत्पात मचा रखा था। लोग अक्सर दहशत में रहते थे कि, बहरादेव आया तो फसलों और मकान के साथ-साथ लोगों को भी नुकसान पहुंचाएगा। वहीं वन विभाग इसे रोकने के नए-नए तरीके ढूंढ़ रहा था पर बहरादेव पर नियंत्रण नहीं पा सका। अब करंट की चपेट में आने से उसकी मौत हो गई।