संजय यादव-कवर्धा। कबीरधाम जिले के पंडरिया विकासखण्ड अंतर्गत नागाडबरा में तीन बैगा आदिवासियों की मौत के मामले में खुलासा होने के बाद से न केवल विधानसभा में हंगामा हुआ बल्कि आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है। इसमें पक्ष-विपक्ष के नेता एक-दूसरे पर आरोप तो मढ़ रहे हैं वहीं अब जिले के एसपी डॉ अभिषेक पल्लव भी इस बयानबाजी के घेरे में आ गए हैं।
 
विवाद में घिरे जिले के एसपी अभिषेक पल्लव

पुलिस ने गुरुवार को नागाडबरा में हुई बैगाओं की मौत के मामले में बड़ा खुलासा किया था। इस मामले में एक नाबालिग समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। दरअसल, 14 जनवरी को कुकदुर थाना अंतर्गत नागाडबरा में पति-पत्नी और बच्चा समेत तीन बैगा आदिवासियों की जली हालत में लाश मिली थी। उनकी झोपड़ी से ही तीनों के शव बरामद किए गए। केवल प्रदेशभर में ही नहीं बल्कि विधानसभा में भी यह मामला गूंजा था। जिले के हाई प्रोफाइल हत्याकांड को लेकर कवर्धा एसपी अभिषेक पल्लव ने मामले के खुलासा करते हुए कांग्रेस नेता नीलकंठ चंद्रवंशी पर गंभीर आरोप लगाते हुए पत्रकारों से कहा कि, हत्या करने वाले के बारे में नीलकंठ को 2 फरवरी से ही जानकारी थी लेकिन इस बारे में उन्होंने पुलिस को कोई सूचना नहीं दी क्योंकि उन्हें राजनीति करनी थी। 

बैगा परिवार का घर

अपनी नाकामी को छुपाने के लिए लगा रहे आरोप- नेता नीलकंठ

वही अब मामले का खुलासा करते हुए कांग्रेस नेता नीलकंठ चंद्रवंशी ने प्रेस कांफ्रेंस किया और कहा कि, पुलिस अपनी नाकामी को छुपाने के लिए जबरदस्ती मेरे ऊपर आरोप लगा रही है ये आरोप निराधार है। जबकि कांग्रेस पार्टी इस मामले में सामने नहीं आती तो पुलिस की हाथ आज भी खाली रहती। 

मौके पर पहुंची भावना बोहरा,  50 हजार रुपये की दी आर्थिक मदद

वहीं इस मामले में पंडरिया विधायक भावना बोहरा घटना के तुरंत बाद नागाडबरा पहुंची और पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी। भावना बोहरा ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि, एक ही परिवारों के तीन बैगा आदिवासियों की मौत हुई है ये बहुत ही दुखत है। ऐसे मामले में किसी भी पार्टी को राजनीति नहीं करनी चहिए लेकिन भावना बोहरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि, कांग्रेस पार्टी के सदस्य को इस घटना की जानकारी पहले से थी। बावजूद इसके बयान देने से रोका गया, पुलिस और लोगों को गुमराह किया गया। किसी भी नेता को ऐसे राजनीति नहीं करनी चहिए।

ये है पूरा मामला

14 जनवरी को मृतक और राजो बाई बैगा के बीच जमीन को लेकर विवाद हुआ। उसी रात आरोपी राजे बाई ने हत्या की साजिश रची। रात करीब दो बजे वह मृतक के घर पहुंची। तब झोंपड़ी में पति-पत्नी और बच्चा सो रहे थे। पहले तो उसने तीनों को कुल्हाड़ी से वार कर अधमरा कर दिया। इसके बाद झोंपड़ी में आग लगा दी। इसके बाद सबूत मिटाकर हत्या को हादसा दिखाने की पूरी कोशिश की। हालांकि, पुलिस ने मामले का खुलासा किया।