कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले का कलेक्ट्रेट परिसर हाल ही में एक बड़ी त्रासदी से गुजरने के बाद जैसे-तैसे पुर्ननिर्मित हुआ है। लेकिन लगता है कि, इतने बड़े भवन को यहां बैठकर काम करने वाले ही कूड़े के ढेर में तब्दील करने पर आमादा हैं। 

बलौदाबाजर कलेक्ट्रेट में चारों ओर पसरी गंदगी को देखकर हमारे संवाददाता कुश अग्रवाल से रहा नहीं गया। उन्होंने वहां पसरी गंदगी को अपने कैमरे में कैद कर लिया। कार्यालय परिसर में जगह-जगह पर कचरे के ढेर पड़े हैं। यहां का दृश्य देखकर कौन यकीन करेगा कि, यहां जिले के सबसे बड़े अफसर बैठते हैं। इतने बड़े भवन में कहीं एक डस्टबिन तक की व्यवस्था नहीं है। 

परिसर में ही जला दिया कागजों का ढेर

मंगलवार को जनसंपर्क कार्यालय के पास कचरे के ढेर को जलते हुए देखा गया। जले हुए कचरे में शासकीय दस्तावेज होने की आशंका ने स्थिति को और गंभीर बना दिया है। यह लापरवाही न केवल पर्यावरण के लिए खतरनाक है। बल्कि आगजनी जैसी दुर्घटनाओं की संभावना को भी बढ़ा सकती है। सरकारी दस्तावेजों का इस तरह जलाया जाना प्रशासनिक सुरक्षा और पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है। इसके अलावा कचरे को जलाने से निकलने वाला धुआं स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है। 

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भवन में फिर से आग लगने का खतरा

पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचाता है। इस समस्या के समाधान के लिए प्रशासन को तत्काल कदम उठाने की जरूरत है। सबसे पहले कार्यालय परिसर में पर्याप्त संख्या में डस्टबिन लगाए जाने चाहिए और कचरे के वैज्ञानिक तरीके से निपटाने की व्यवस्था होनी चाहिए। कचरा जलाने की प्रथा पर सख्त प्रतिबंध लगाया जाए और दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। फायर सेफ्टी उपकरण लगाकर आगजनी की आशंका को कम किया जा सकता है।