रायपुर। बलौदाबाजार में हिंसा में कलेक्टर और एसपी को हटाने के बाद सरकार ने उपद्रवियों पर सख्ती शुरू की है। उपद्रव करने वाले, कलेक्टर और एसपी दफ्तर को आग लगाने वालों को चुन-चुनकर पकड़ा जा रहा है। बुधवार को 60 लोगों को जेल भेजा गया। उनकी पहचान वीडियो फुटेज के आधार पर की गई। पूछताछ और जांच के बाद 200 लोगों को हिरासत में लिया गया है। साथ ही करीब 500 की तलाश की जा रही है। गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा है कि इस सुनियोजित तरीके से हिंसा की गई। एक सुंदर बिल्डिंग जला दी गई, इससे क्या हासिल हुआ। उन्होंने कहा कि उपद्रवियों से नुकसान की भरपाई की जाएगी। हरिभूमि की तफ्तीश में पता चला है कि राजस्व रिकार्ड नहीं जले लेकिन पुलिस रिकार्ड खाक हो गया है। गुंडों की हिस्ट्री राख हो गई है। इसमें 12 साल का रोजनामचा भी है। वहीं जांच के लिए कांग्रेस का जांच दल आज बलौदाबाजार जाएगा।
उल्लेखनीय है कि, प्रदर्शन के दौरान बलौदाबाजार जिला मुख्यालय के कलेक्टोरेट, एसपी बिल्डिंग में आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय के ज्यादातर दस्तावेज आग की भेंट चढ़ गए। इसमें 12 साल पुराने रोजनामचा के साथ बदमाशों की क्राइम हिस्ट्री संबंधित दस्तावेज के साथ पुलिस सेटअप के रिकॉर्ड शामिल हैं। बलौदाबाजार पुलिस के मुताबिक आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय के ज्यादातर हिस्से में आग लग गई थी। आगजनी की घटना में सबसे ज्यादा नुकसान रिकॉर्ड रूम का हुआ है। रिकार्ड रूम में रखे सात थाना क्षेत्र के साथ चार पुलिस चौकी के रोजनामचा 90 प्रतिशत तक जल गए हैं। पुलिस के अनुसार आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय में रखे अपराधियों के सारे रिकॉर्ड आग से जलकर खाक हो गए हैं।
जांच में पता चला... इन दफ्तरों में आग की लपटें
बलौदाबाजार पुलिस के मुताबिक आगजनी की घटना में एसपी कार्यालय के रीडर रूम के साथ डीएसबी, डीआरबी शाखा, स्टेनो रूम तथा ओएम शाखा में रखे दस्तावेज आग से जलकर खाक हो गए। इसके साथ स्टेनो, रीडर रूम में रखे कंप्यूटर जलकर राख हो गए।
बुझाने के दौरान ज्यादातर दस्तावेज खराब
पुलिस के अनुसार, आग की चपेट में आने से जो दस्तावेज जले हैं, उनमें से जितने दस्तावेज आग से जले हैं, उतने ही दस्तावेज आग बुझाने के दौरान पानी से खराब हुए हैं। पुलिस के अनुसार जो दस्तावेज नहीं जले हैं, केवल पानी से भीगे हैं उन दस्तावेजों की छंटनी की जा रही है। छंटनी के बाद जो दस्तावेज खराब नहीं हुए हैं, उन्हें रखा जाएगा। इसके साथ ही जले हुए कम्प्यूटर के हार्ड डिस्क की
पड़ताल की जा रही है।
यहां से रिकवर हो सकता है दस्तावेज
गौरतलब है कि, थानों में जो एफआईआर दर्ज होती है या किसी अन्य तरह से रिकॉर्ड तैयार किए जाते हैं, उसकी एक कॉपी थाना में रखने के साथ एसपी कार्यालय तथा आईजी कार्यालय भेजी जाती है। आग तथा पानी की चपेट में आकर जो दस्तावेज जले तथा खराब हुए हैं, उन दस्तावेज तथा रिकॉर्ड को संबधित थानों से रिकवर करने के साथ आईजी कार्यलय से संपर्क किया जाएगा।
फोरेंसिक टीम जांच कर लौटी
आगजनी की घटना की जांच करने रायपुर से फोरेंसिंक एक्सपर्ट की टीम मंगलवार को बलौदाबाजार पहुंची थी। फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि कलेक्टोरेट, एसपी बिल्डिंग में आग लगाने के लिए उत्पातियों ने पेट्रोल के साथ और किस तरह के ज्वलनशील पदाथों का उपयोग किया है। इसके साथ ही बिल्डिंग में आग फैलने की वजह की फोरेंसिक एक्सपर्ट की टीम पता लगाने की कोशिश कर रही है।
कलेक्टर-एसपी ने किया ज्वाइन
मंगलवार देर रात सरकार ने एक्शन लेते हुए बलौदाबाजार के कलेक्टर एवं एसपी को हटाने का आदेश जारी कर दिया था। साथ ही दीपक सोनी को कलेक्टर और विजय अग्रवाल को एसपी बनाकर भेजा गया था। दोनों ने ही आदेश जारी होने के दूसरे दिन ही ज्वाइन कर लिया। साथ ही कामकाज भी शुरू कर दिया।
गुरु रुद्र पहुंचे गिरफ्तारी देने, कहा मुझ पर गलत आरोप
सतनामी समाज के गुरू एवं पूर्व मंत्री गुरु रूद्र कुमार बुधवार को रायपुर के एसपी कार्यालय पहुंचे और यह मांग करने लगे कि उन्हें गिरफ्तार किया जाए। पूर्व मंत्री गुरु रूद्र कुमार एसपी ऑफिस में बैठ गए थे। इस दौरान एसपी मौजूद नहीं थे। उनकी मांग सुनने के बाद कहा गया कि मामला बलौदाबाजार का है, आप वहां जाकर अपनी गिरफ्तारी दें। इस पर पूर्व मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने कहा कि उन्हें यहां ही गिरफ्तार कर बलौदाबाजार ले जाया जाए। पूर्व मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने सरकार पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे धार्मिक स्तंभ को नुकसान पहुंचाने के विरोध में शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने गए थे। आगजनी की घटना को पूर्व मंत्री ने निंदनीय बताते हुए कहा कि उनका समाज इस तरह की घटना को अंजाम नहीं दे सकता। माफी नहीं मांगने पर पूर्व मंत्री ने आरोप लगाने वाले मंत्रियों के खिलाफ मानहानि का दावा करने की चेतावनी दी है।