कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार हिंसा मामले में पिछले डेढ़ महीने से जेल में बंद कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की रिमांड एक बार फिर दो दिन आगे बढ़ा दी गई है। गुरुवार को सुनवाई के दौरान पुलिस ने चालान पेश नहीं किया और अभियोग पत्र पेश करने के लिए समय मांगा है। जिस पर कोर्ट ने देवेंद्र यादव की न्यायिक रिमांड  5 अक्टूबर तक के लिए बढ़ा दी थी। चालान पेश करने में हो रही देरी पर देवेन्द्र यादव ने फिर आरोप लगाया है कि, जानबूझकर चालान पेश करने में देर की जा रही है। जिससे उनके खिलाफ आरोप गढ़े जा सके। 

5 अक्टूबर को पूरे हो रहे 90 दिन

5 अक्टूबर को 90 दिन भी पूरे हो रहे हैं। ऐसे में पुलिस को जल्द ही चालान पेश करना होगा। देवेंद्र के वकील ने सोमवार को हाईकोर्ट में भी उनके जमानत को लेकर याचिका लगाई है। इससे पहले 10 सितंबर और 17 सितंबर को कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका ख़ारिज की थी। देवेंद्र यादव की 17 अगस्त को भिलाई से गिरफ्तारी हुई थी। इसके बाद से लगातार न्यायिक रिमांड बढ़ रही है। वे रायपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं। पुलिस का तर्क है कि, विधायक का मोबाइल जमा नहीं होने के चलते केस के प्रोग्रेस में देरी हो रही है। जिस पर देवेंद्र के वकील ने कहा कि, मोबाइल जमा कर दिया गया था। डीवीआर कॉपी करने के बाद पुलिस ने वापस लौटाया।

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देवेंद्र पर भीड़ को उकसाने का आरोप

विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर हिंसा भड़काने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था। उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। हालांकि पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदाबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी। 

पुलिस के पास हैं पर्याप्त सबूत और गवाह 

वहीं, बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ गवाह हैं और कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। जिसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है।

3 मामलों की एक साथ चल रही है जांच

देवेंद्र यादव के खिलाफ बलौदाबाजार हिंसा का पहला मामला जांच में नहीं है, उनके खिलाफ कोयला घोटाला और कथित MMS मामले की भी जांच चल रही है। कुछ दिन पहले भिलाई नगर पुलिस ने भी उन्हें नोटिस जारी कर फोटो वीडियो के लिए थाने बुलाया था। देवेंद्र वहां भी दोबारा बयान दर्ज कराने नहीं गए। उन्होंने कहा कि, वह थाने जाकर अपना बयान एक बार दे दिए हैं। लिखित में भी दिया है कि, जांच में जो भी आगे पूछताछ या जानकारी चाहिए, उनके कार्यालय में आकर ले लें।