घनश्याम सोनी- बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दी जाने वाली खाद्य सामग्री की क्वॉलिटी से किस कदर समझौता किया जा रहा है। इसकी एक बानगी वाड्रफनगर ब्लाक के ग्राम लोधी में देखने को मिली है। जहां सरकारी राशन दुकान का सड़ा हुआ चावल लगभग 10 परिवारों को दे भी दिया गया। वहीं इस पूरे मामले में कलेक्टर ने जांच का आश्वासन देते हुये कहा कि, जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषियों के विरुध्द कार्यवाही की जाएगी।
दरअसल, प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत सस्ते दरों पर सरकारी राशन दुकानों में खाद्यान्न सामग्री दी जाती है। इस योजना में किस कदर लापरवाही बरती जा रही है। इसका एक उदाहरण बलरामपुर जिले वाड्रफनगर के लोधी गांव में देखने को मिला है। जहां लोधी गांव के सरकारी राशन दुकान में इस महीने सड़ा हुआ चावल का लाट भेजा गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि, दुकान में उपलब्ध चावल खाने योग्य ही नही है और चावल से एक अजीब तरह की दुर्गंध भी आ रही है।
10 लोगों को बाटा गया सड़ा चावल
प्रदेश में गरीबों को खाद्यान्न सामग्री उपलब्ध कराने की इस योजना का क्रियान्वयन नागरिक आपूर्ति निगम के द्वारा किया जाता है। नागरिक आपूर्ति निगम की इतनी बड़ी लापरवाही सामने आयी है कि, आमजनों को अब सड़ा हुआ चावल दिया जा रहा है। जिसे हितग्राही लेने से भी कतराने लगे है। राशन दुकान के सेल्समैन ने बताया कि, करीब 8-10 लोगों को इस चावल का वितरण कर दिया गया है।
कलेक्टर ने दिया जांच का आश्वाशन
आपको बता दें कि, जिले की लगभग आधी से ज्यादा आबादी सरकारी राशन दुकानों में दी जाने वाली खाद्यान्न सामग्रियों जैसे चावल, चना दाल, शक्कर, नमक पर ही निर्भर है। ऐसे में इस जनकल्याकारी योजना में इतनी बड़ी लापरवाही ने जिम्मेदारों के दावों की पोल खोल कर रख दी है। वहीं यह मामला सामने आने के बाद कलेक्टर ने इस पूरे मामले की जांच की बाद कार्यवाही की बात कही है।