घनश्याम सोनी- बलरामपुर। छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र के संतोषी नगर गांव की रहने वाली महिला रीना गिरी के मौत का खुलासा झारखंड की गढ़वा पुलिस ने कर दिया है। इस मामले में पुलिस ने मृतका के ससुर समेत 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले में कोतवाली थाने में फांसी लगाकर आत्महत्या करते वाला मृतका का पति गुरु चरण मंडल भी शामिल था। यह वही महिला है, जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट की जांच के दौरान बलरामपुर में तीन दिनों तक बवाल हुआ था। जिसमें न सिर्फ कानून व्यवस्था चौपट हुई थी। बल्कि, पुलिस के सामने कई मुसीबतें आई थी। लेकिन अब इस खुलासे के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि, पुलिस की जांच सही दिशा में ही जा रही थी।
नदी में मिली थी महिला की लाश
दरअसल, 30 सितंबर को गढ़वा सदर थाने की पुलिस ने एक अज्ञात महिला के शव को कोयल नदी से बरामद किया था। जिसकी पहचान मृतिका के भाई ने एक माह बाद अपनी बहन रीना गिरी के रूप मे फोटो से पहचान कर किया था। जिसके बाद भाई बदलागिरी ने मृतक महिला के पति, सास, ससुर और उसके एक रिश्तेदार पर शंका जाहिर की थी। जिसके बाद गढ़वा पुलिस ने छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले से रीना के ससुर सहित 4 लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें एक महिला भी शामिल है। पुलिस के मुताबिक रीना की हत्या के साजिश के पीछे उसके ससुर का हाथ था और पारिवारिक कलह की वजह से रीना की हत्या की गई थी।
थाने के वॉशरूम में लगाई फांसी
आपको बता दें कि, रीना की गुमशुदगी का मामला बलरामपुर कोतवाली में भी दर्ज किया गया था। जिसकी जांच पुलिस कर रही थी और पुलिस ने रीना के पति गुरु चंद को पूछताछ के लिए बुलाया था। वहीं 24 अक्टूबर को रीना के पति ने थाने के वॉशरूम में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद मृतक के परिजनों ने थाना में जमकर हंगामा मचाया था। उन्होंने थाने में तोड़फोड़ करते हुए पुलिस पर पथराव भी किया था।
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एडिशनल एसपी ने दी मामले की जानकारी
इस पूरे मामले को लेकर एडिशनल एसपी विश्व दीपक त्रिपाठी ने कहा कि, रीना की मौत की गुत्थी सुलझने के बाद पुलिस की छवि धूमिल करने वाले तत्वों के विरुद्ध कार्यवाही की कवायद तेज हो गई है। इसमें अब देखना होगा कि, बलरामपुर में तीन दिनों तक बवाल मचाने वाले उपद्रवियों पर अब किस एंगल से कार्रवाई करती है। फिलहाल इस खुलासे के बाद एक बात स्पष्ट है कि, बलरामपुर पुलिस सही तरीके से जांच और सही दिशा में जांच कर रही थी। हालांकि, पुलिस कस्टडी के दौरान युवक की मौत होना जरूर पुलिस पर निशानियां सवाल था।