बस्तर पंडूम 2025 : भैरमगढ़ में दो दिवसीय कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ, स्थानीय लोक कला और संस्कृति की दिखी झलक 

Bastar Pandum
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आदिवासी कला का प्रदर्शन करते हुए कलाकार
बस्तर संभाग की स्थानीय लोककला, संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए बस्तर पंडूम 2025 का आयोजन किया जा रहा है। संभाग के भैरमगढ़ जनपद पंचायत में भी इसकी शुरुआत हो गई है। 

श्याम कारकु- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बस्तर की स्थानीय लोककला और सांस्कृतिक परंपरा को बढ़ावा देने के लिए बस्तर पंडूम का आयोजन किया जा रहा है। यह आयोजन प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर हो रहा है। जिसमें जनजाति बाहुल्य बस्तर संभाग की स्थानीय कला और सांस्कृतिक परंपरा दिखाई दे रही है।

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नृत्य करते हुए कलाकार

बस्तर पंडूम 2025 का उद्देश्य अंचल के लोककला, शिल्प, तीज-त्यौहार, खानपान, बोली-भाषा, रीति-रिवाज, वेश-भूषा, आभूषण को बढ़ावा देना है इससे यहां के वाद्ययंत्र, पारंपरिक नृत्य, गीत-संगीत, लोकनाट्य, पेयपदार्थों के मूल स्वरूप को संरक्षण संवर्धन एवं कला समूहों के सतत् विकास तथा जनजातीय कलाकारों को प्रोत्साहन मिलेगा।

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ढ़ोलक की थाप पर नृत्य करते हुए कलाकार

दो दिवसीय कार्यक्रम शुरू

भैरमगढ़ जनपद पंचायत में जनपद स्तरीय बस्तर पंडुम का शुभारंभ आज हो गया है। 17- 18 मार्च तक दो दिवसीय आयोजन होगा। वहीं बीजापुर उसूर एवं भोपालपटनम में जनपद स्तरीय बस्तर पंडुम का आयोजन 18 -19 मार्च को आयोजित होगा। वहीं जिला स्तरीय आयोजन 21 एवं 22 मार्च को बीजापुर के मिनी स्टेडियम में सम्पन्न होगा।

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