संतोष कश्यप/अंबिकापुर-  छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में स्थित मैनपाट क्षेत्र में हाथियों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है। मैनपाट के बरवाली में हाथियों ने पांच घरों को नष्ट कर दिया है। घरों को तोड़ने के साथ फसलों को भी लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है। पिछले तीन दिनों में 10 से अधिक घरों को हाथियों ने तोड़ा दिया है। हालांकि जनहानि रोकने के लिए वन विभाग का मैदानी अमला लोगों को सतर्क कर रहा है। पिछले 10 से 12 दिनों से 14 हाथियों का दल क्षेत्र में विचरण कर चुका है। 

3 ग्रामीण महिलाओं को हाथी ने कुचला

एक महीने पहले अंबिकापुर के उदयपुर थाना क्षेत्र में भी दंतेल हाथी ने देर रात ग्रामीण महिलाओं पर हमला कर दिया था। गांव की 3 महिलाएं महुआ बिनने जंगल गई हुई थीं। वहां से लौटते वक्त हाथी ने उनपर हमला कर दिया था। हाथी ने महिलाओं को कुचलकर मारने की कोशिश की। लेकिन घायल अवस्था में ही किसी तरह महिलाओं ने भाग कर अपनी जान बचाई। परिजनों ने तीनों घायल महिलाओं को सीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया है। तीनों की हालात गंभीर बताई जा रही है। यह घटना उदयपुर थाना क्षेत्र के फत्तेहपूर की है।

गर्भवती महिला की मौत

कुछ समय पहले जशपुर में भी जंगली हाथियों के झुंड को देखकर एक गर्भवती महिला की वहां से जान बचाकर भागते समय मौत हो गई थी। महिला नदी में नहाने के बाद घर लौट रही थी। इस दौरान 4 हाथियों का झुंड देखकर वह घबरा गई और जान बचा कर भागने लगी। इस दौरान घबराहट के चलते उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद ग्रामीणों ने वन विभाग पर लापरवाही का आरोप लगाया है। वहीं वन विभाग का कहना है कि, पूरा वन अमला हाथियों के मूवमेंट पर नजर बनाए हुए हैं। यह मामला तपकरा वन परिक्षेत्र के सागजोर का है।