गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में दो भालू दीवार फांदकर घर के अंदर घुस गए। भालुओं के घुस जाने के कारण परिवार की पूरी रात दहशत में कटी। रोजाना भालू और तेंदुए के आतंक शाम ढलते ही घरों से निकलना मुश्किल हो गया है। आए दिन इलाके भालुओं की हलचल होती रहती है। इसके बाद भी वन विभाग को सुध नहीं है। वन विभाग की लापरवाही से लोगों में आक्रोश हैं।

दरअसल कांकेरवासी लगातार जंगली जानवरों के आतंक से इलाके के लोग परेशान हैं और भय में जी रहे हैं। लारगांव में दीवार फांद कर दो भालू घर के अंदर घुस गए। भालुओं के घुसने के बाद परिवार के लोगों में भय का माहौल बन गया। आए दिन हो रहे घटना के बाद भी वन विभाग के जिम्मेदारों को सुध नहीं है।वहीं वन विभाग की लापरवाही के कारण लोगों में भारी नाराज़गी है। लोगों का कहना है की कभी भी जंगली जानवर हमला कर सकते हैं। कभी भी बड़ी घटना हो सकती है।

दुर्गा पंडाल में अचानक घुसा भालू

वहीं शनिवार की रात खाने की लालच में एक भालू दुर्गा पंडाल के अंदर घुस गया। वहां पर वह तेल पीने की कोशिश करने लगा। पंडाल में सोए लोग भालू की आवाज सुनकर हड़बड़ा गए थे। लारगांव में रखे दुर्गा पंडाल में कुछ ग्रामीण सो रहे थे। इसी बीच एक भालू भोजन की तलाश में निकला हुआ था। भालू तेल और मिठाई की सुगंध से पंडाल के भीतर आ धमका। भालू को भीतर प्रवेश करता देख ग्रामीण चौकन्ने हो गए। जैसे ही भालू पंडाल में स्थापित ज्योति कलश के पास पहुंचा तो ग्रामीण चिल्लाने लगे। 

पंडाल को फाड़ने के लिए भालू ने मारा पंजा 

लोगों की आवाज सुनकर भालू पंडाल से निकलने की कोशिश में पंडाल को फाड़ने के लिए पंजे मारता रहा। लंबी कोशिश के बाद भालू सामने के रास्ते से भाग निकला। ग्रामीणों की सूझबूझ से वहां पर सोए हुए लोग भालू का शिकार होने से बच गए। 

खाने की फिराक में दस्तक दे रहे भालू 

गौरतलब है कि, भालू के सूंघने की शक्ति तेज होती है। भालू को तेल पीना बहुत पसंद होता है। इसलिए नवरात्रि के दौरान मंदिर में ज्योति कलश प्रज्जवलित होने के कारण इलाके में भालू दस्तक दे रहे हैं।