बच्चों ने बनाया जादुई पिटारा : खेल-खेल में पढ़ाई हुई आसान और मजेदार, सीखने में मदद कर रहा यह अनोखा पिटारा

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शासकीय प्राथमिक शाला साल्हेपुर के विद्यार्थी
बेमेतरा जिले के शासकीय प्राथमिक शाला साल्हेपुर के बच्चों ने एक जादुई पिटारा बनाया है। जिसमे मनोरंजन के साथ पढ़ाई सम्बंधित अनेक चीजें भी हैं। 

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के विकासखंड बेरला अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला साल्हेपुर के बच्चों ने शिक्षा को रोचक और प्रभावी बनाने के उद्देश्य से ‘जादुई पिटारा’ तैयार किया है। यह अभिनव प्रयास राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की परिकल्पना और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा (NCF) के प्रारंभिक चरण की सिफारिशों पर आधारित है।

प्रधान पाठिका अंबालिका पटेल के मार्गदर्शन में निर्मित इस जादुई पिटारे में खिलौने, कठपुतलियां, कहानियां, पहेलियां, पोस्टर, फ्लैश कार्ड और खेल-आधारित शैक्षणिक गतिविधियां शामिल हैं। यह पिटारा बच्चों का न केवल मनोरंजन करता है बल्कि उनकी भाषा, गणित और तार्किक सोच जैसी मूलभूत शिक्षा क्षमताओं का भी विकास करता है।

कमाल का है ये पिटारा

अंबालिका पटेल ने बताया कि, 'इस पिटारे के माध्यम से बच्चों को मातृभाषा में खेल-खेल में शिक्षा दी जाती है, जिससे वे सीखने में रुचि लेते हैं और आत्मविश्वास के साथ नई अवधारणाओं को समझ पाते हैं।' जादुई पिटारे की खासियत यह है कि, यह बच्चों की उम्र और समझ के अनुरूप तैयार की गई सामग्री से भरपूर है - जैसे रंग-बिरंगी चित्र पुस्तकें, संवादात्मक कहानियाँ, रोचक कविताएं, कार्यपत्रक और इंटरैक्टिव गतिविधियां।

प्रेरणादायक उदाहरण बना जादुई पिटारा

शाला में इस पिटारे का प्रदर्शन कर यह दिखाया गया कि कैसे खेल-खेल में शिक्षा को प्रभावी बनाया जा सकता है। यह पहल न केवल बच्चों को सीखने के लिए प्रेरित करती है, बल्कि उनके संपूर्ण विकास की दिशा में एक सार्थक कदम है। इस प्रकार, साल्हेपुर का जादुई पिटारा शिक्षा को मजेदार, रचनात्मक और बाल सुलभ बनाने का एक अनोखा और प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभरा है।

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