जगदलपुर/कोंटा। कोंटा ब्लॉक के भेजी थाना क्षेत्र के भंडारपदर इलाके में शुक्रवार को सुरक्षा बलों को मिली बड़ी सफलता के बाद सभी 10 नक्सलियों की शिनाख्त कर ली गई है। दक्षिण बस्तर डिविजन मिलिट्री इंचार्ज मड़कम मासा सहित 2 डीव्हीसीएम, 3 एसीएम, 4 पीएलजीए के नक्सली सहित 10 नक्सली मुठभेड़ में मारे गए थे। भंडारपदर मुठभेड़ में मारे गए माओवादियों पर कुल 40 लाख रुपए का इनाम घोषित है। नक्सलियों के शवों के साथ सुरक्षा बलों ने कुल 11 हथियार बरामद किए हैं। पुलिस अधीक्षक सुकमा किरण चव्हाण ने बताया कि मुठभेड़ पश्चात घटनास्थल व आसपास के एरिया में सर्चिग करने पर 3 महिला सहित 10 माओवादियों के शव व 1 एके-47, 1 इंसास राइफल, 1 एसएलआर राइफल, 1 नग 9 एमएम पिस्टल 1 सिंगल शॉट राइफल, 6 मजल लोडिंग राइफल व भारी मात्रा में सामग्री बरामद किया गया है।

 मारे गए नक्सलियों में मड़कम दूधी मासा निवासी भंडारपदर थाना भेजी जिला सुकमा, दक्षिण बस्तर डिवीजन एमआई प्लस इंचार्ज प्लाटून नं. 4 व 8 प्रभारी डीव्हीसीएम इनाम 8 लाख, लखमा माड़वी निवासी जिलोडगड्डा थाना पामेड़ जिला बीजापुर डिविजन स्मॉल एक्शन टीम कमाण्डर डीव्हीसीएम ईनाम 8 लाख, करतम कोसा निवासी रेगडगट्टा थाना भेजी जिला सुकमा, प्लाटून नं. 8 का कमांडर पीपीसीएम (एसीएम) इनाम 5 लाख, दुरों कोसी उर्फ रितिका पिता रूषा निवासी पालामड़गू थाना पोलमपल्ली जिला सुकमा, कोन्टा एलओएस कमाण्डर एसीएम इनाम 5 लाख, मुचाकी देवा निवासी दंतेशपुरम थाना भेजी जिला सुकमा, एरिया मिलिशिया कमाण्ड इनचीफ एसीएम ईनाम 5 लाख, दुधी हुंगी पति दुधी भासा निवासी भंडारपदर थाना भेजी जिला सुकमा, प्लाटून नं. 4 सदस्या इनाम 2 लाख, मड़कम जीतू निवासी दंतेशपुरम थाना भेज्जी जिला सुकमा प्लाटून नंबर 4 पार्टी सदस्या ईनाम 2 लाख, कुमारी मड़कम कोसी निवासी गंगराजपाड़ थाना कोंटा जिला सुकमा प्लाटून नंबर 4 पार्टी सदस्या ईनाम 2 लाख, कवासी केसा निवासी जिलोडगड्डा थाना पामेड़ जिला बीजापुर प्लाटून नंबर 4 पार्टी सदस्य दुधी मासा का गार्ड ईनाम 2 लाख, कुंजाम वामा निवासी चिंतागुफा मिलिशिया टीम कमांडर थाना भेज्जी ईनाम 1 लाख शामिल है।

इसे भी पढ़ें...घुसपैठ की साजिश नाकाम : छत्तीसगढ़ में दाखिल हो रहे थे ओडिशा के नक्सली, जवानों के साथ हुई मुठभेड़

एक साल में 207 नक्सली मार गिराए

वर्ष 2024 में बस्तर संभाग अंतर्गत की जा रही नक्सल विरोधी अभियान के दौरान अब तक 207 नक्सलियों के शव बरामद, 787 नक्सलियों को गिरफ्तार, 789 नक्सलियों द्वारा आत्मसमर्पण एवं 262 हथियार नक्सलियों से बरामद किया गया है।

सुरक्षा बल की सूझबूझ काम आई

पुलिस उप महानिरीक्षक कमलोचन कश्यप ने बताया कि, मुठभेड़ में सुरक्षा बल द्वारा सूझबूझ के साथ की गई अभियान के कारण पीएलजीए प्लाटून नंबर 4 को तगड़ा झटका लगा है। सीपीआई माओवादी संगठन के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई करने के उद्देश्य से स्थानीय जिला पुलिस बल, डीआरजी तथा केन्द्रीय अर्धसैनिक बलों द्वारा आपसी बेहतर तालमेल एवं रणनीति के साथ काम किया जा रहा है। 

मुखबिरी के आरोप में दो युवकों को कुल्हाड़ी से काट डाला

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के पड़ोसी राज्य तेलंगाना में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिर के आरोप में 2 युवकों की निर्मम हत्या कर दी है। मिली जानकारी के मुताबिक 2 दिन पहले मुलुगु जिले के थाना वजीदु के पेनुगोलु कालोनी में 21 नवम्बर की रात लगभग 11 बजे नक्सलियों ने घटना को अंजाम दिया। मिली जानकारी के मुताबिक 22 नवम्बर को सुबह 9 बजे शिकायतकर्ता उइका रामबाई पत्नी रमेश (30), निवासी पेनुगोलु कॉलोनी ने थाना में रिपोर्ट की है कि उनके पति उइका रमेश पुत्र लक्ष्मैया (36), जाति कोया जो पेरुरु ग्राम पंचायत में कार्यरत थे। 

 पेनुगोलु कालोनी की घटना

21 नवम्बर को शाम 7 बजे अपनी ड्यूटी करने के बाद घर आया और खाना खाकर सो रहे थे, घातक हथियारों कुल्हाड़ी, चाकू से लैस नक्सली घर पहुंचे और मेरे पति उइका रमेश को बुलाया, लेकिन वह घर से बाहर नहीं आया, उसके बादवे लोग घर का दरवाजे तोड़ कर अंदर आए। मृतक की पत्नी उइका रामबाई ने रिपोर्ट में कहा है कि मुझे एक तरफ धकेल दिया और पति को बेरहमी से चाकू मारकर हत्या कर दी और एक पत्र वहां फेंक कर भाग गए। अत्यधिक खून बहने के कारण वह बेहोश अवस्था में पड़ा था, उसकी मृत्यु हो गई। घटना को अंजाम देने के बाद नक्सली उइका अर्जुन पुत्र सायन्ना (41), जाति कोया, मजदूर के पेनुगोलू कॉलोनी स्थित उसके घर पहुंचे और आवाज देकर उसे बाहर बुलाया और उसे बेरहमी से चाकू मारकर और काटकर हत्या कर दी। नक्सलियों ने पत्र में खुलासा किया है कि उन्होंने उइके रमेश  और उइके अर्जुन दोनों को पुलिस का मुखबिर बताकर हत्या की है।

नक्सलियों की कायराना करतूत

 बस्तर आईजी पी. सुदरराज ने बताया कि, तेलंगाना में 2 दिन पहले 21 नवम्बर की रात को नक्सलियों द्वारा 2 युवकों को पुलिस का मुखबिर बताकर हत्या करना उनकी कायरता का उदाहरण है। दोनों गरीब लोग थे, उनकी हत्या से परिवार बेसहारा हो गया है। उस इलाके के लोगों में नक्सलियों के खिलाफ काफी आक्रोश है।