रायपुर। प्रदेशभर के 60 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को अब दिसंबर की बिजली में भी करीब पौन फीसदी कमी की राहत मिलेगी। फरवरी में जनवरी का जो बिल आएगा, उसमें दिसंबर की खपत पर ऊर्जा प्रभार इस बार 6.30 फीसदी लगेगा। पिछले माह यह प्रभार 7.04 फीसदी नवंबर बिजली था। में की कीमत अक्टूबर की तुलना में 4.13 फीसदी सस्ती हुई थी। अक्टूबर में ऊर्जा प्रभार पर 11.17 फीसदी शुल्क था, जो अब घटकर 7.04 हो गया था। प्रदेश में अब तक बिजली उपभोक्ताओं से वीसीए के रूप में बिजली की कीमत बढ़ने से अंतर की राशि वसूली जाती थी, लेकिन इसको केंद्र सरकार ने पिछले साल के नए सत्र अप्रैल से बंद कर दिया है। इसके स्थान पर केंद्रीय सरकार के निर्देश पर छत्तीसगढ़ राज्य बिजली नियामक आयोग ने अब उत्पादन लागत के अंतर की राशि को उपभोक्ताओं से वसूलने के लिए नया फार्मूला फ्यूल पावर परचेज एडजस्टमेंट सरचार्ज (एफपीपीएएस) लागू कर दिया है।
एफपीपीएएस में पहले माह 5.3 प्रतिशत शुल्क लगा था, लेकिन दूसरे माह में शुल्क डबल हो गया और दस फीसदी ऊर्जा प्रभार पर शुल्क लगा। तीसरे माह 14.23 फीसदी शुल्क लगा। चौथे माह जुलाई में शुल्क में कमी आई और यह 11.23 फीसदी हो गया। इसके बाद अगस्त में कमी आई और शुल्क 10.31 प्रतिशत हो गया, लेकिन सितंबर में आचार संहिता के कारण फेरबदल नहीं हो सका, तो ऐसे में अक्टूबर में सितंबर का जो बिल आया था, उसमें अगस्त की खपत पर ऊर्जा प्रभार में 10.31 प्रतिशत के हिसाब से शुल्क लिया गया। इसी तरह से नवंबर में अक्टूबर का जो बिल आया, उसमें भी अगस्त का ही 10.31 प्रतिशत का शुल्क लिया गया।
दो माह के पुराने बिल में मिला है फायदा
अगस्त में 10.31 प्रतिशत ऊर्जा प्रभार पर शुल्क लिया गया। यही शुल्क सितंबर और अक्टूबर में भी लिया गया। इसके बाद सितंबर का शुल्क 6.47 फीसदी तय हुआ। ऐसे में उपभोक्ताओं को इस माह के बिल में 3.84 फीसदी का लाभ मिला। इसके बाद अक्टूबर का शुल्क 11.17 प्रतिशत किया गया। यानी अगस्त से करीब एक फीसदी ज्यादा। ऐसे में सितंबर और अक्टूबर के बिलों का समायोजन होने के बाद उपभोक्ताओं को करीब तीन प्रतिशत का लाभ मिला है। अब एक बार फिर ने दिसंबर में भी फायदा हो रहा है। इस बार ऊर्जा प्रभार में पौन फीसदी की कमी से बिजली की कीमत कम हो जाएगी। सौ यूनिट का ऊर्जा प्रभार 370 रुपए होता है। इस पर पिछले माह 26 पैसे प्रति यूनिट का शुल्क लगा था जो दिसंबर के बिल में तीन पैसे कम होकर 23 पैसे लगेगा। इसी तरह से जितनी खपत होगी, उसके हिसाब से शुल्क कम हो जाएगा। दो यूनिट की खपत का ऊर्जा प्रभार 760 रुपए होता है। इस पर पिछले माह 53 पैसे यूनिट लग रहा था जो अब 48 पैसे लगेगा। यानी पांच पैसे प्रति यूनिट कम लगेगा।