प्रेम सोमवंशी - कोटा /बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कोटा के सुदूर वनांचलों में रहने वाले आदिवासियों के लिए बाइक एंबुलेंस की सेवा शुरू कर दी है। सुदूर और पहुंचविहीन गांवों में जहां एंबुलेंस तक का पहुंच पाना संभव नहीं है वहां के जंगल से लगे गांवों की सड़कों पर अब बाइक एंबुलेंस सरपट दौड़ रही है। वनांचल के गांवों में रहने वाले बैगा, बिरहोर आदिवासियों के लिए बाइक एंबुलेंस वरदान साबित हो रही है। चार बाइक एम्बुलेंस के जरिए 4089 मरीजों को अब तक अस्पताल ले जाया गया है।
मौसम कोई भी हो चाहे गर्मी, बरसात या सर्दी सभी मौसम में बाइक एम्बुलेंस की सुविधा चौबीसों घंटे आदिवासियों को मिल रही है। कोटा ब्लॉक के एक बड़े हिस्से में विषम भौगोलिक परिस्थिति के चलते सड़क मार्ग से पहुंच पाना संभव नहीं होता है। ग्रामीणों को आपातकाल स्थिति में घर से अस्पताल आने-जाने के लिए बाइक एम्बुलेंस निःशुल्क परिवहन का एक अच्छा माध्यम बन गया है। संगवारी एक्सप्रेस बाइक में बनाई गई एक मिनी एम्बुलेंस की तरह है, जिसमें एक मरीज को बिना असुविधा के अस्पताल तक पहुचाँया जा सकता है। यह बिल्कुल निःशुल्क सुविधा है। कोटा ब्लॉक के सुदूर वनांचलों में रहने वाली गर्भवती महिलाओं सहित अन्य लोगों के लिए बाइक एम्बुलेंस संजीवनी साबित हो रही है।
बाइक एंबुलेंस से ग्रामीणों को मिल रही सुविधाएं
विकासखंड कोटा में बाइक एम्बुलेंस की सुविधा मार्च महीने से शुरू होने से अब तक 4089 मरीजों को इसका सीधा लाभ मिला है। इसमें सभी वर्ग के मरीज शामिल हैं। शिवतराई पीएचसी में 1108 कुरदर में 850, केंदा 1310, आमागोहन 821 मरीजों को बाइक एम्बुलेंस की सुविधा मिली है। बाइक एम्बुलेंस गर्भवती महिलाओं के नियमित स्वास्थ्य परीक्षण, बच्चों के टीकाकरण और मौसमी बीमारियों के उपचार के लिए भी उपयोग में लाया जा रहा है। बाइक एंबुलेंस के जरिए वनांचल क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए केन्द्र तक लाया जाता है और शिशुवती माताओं को प्रसव के बाद सुरक्षित घर भी पहुचाँया जाता है।
ग्रामीणों ने सीएम साय के प्रति जताया आभार
ग्रामीण इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहते है कि, जहां वे पहले इलाज के लिए कई मीलों दूर पैदल चल कर अनेक कठिनाइयों का सामना कर अस्पताल पहुंचते थे। वहीं आज बाइक एंबुलेंस की सुविधा मिलने से अब कठिनाइयां उनके आड़े नहीं आ पाती है और मरीजों को बिना देरी के तुरंत अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। मंजगवा की मनीषा को बाइक एम्बुलेंस के जरिए प्रसव के लिए केंदा अस्पताल लाया गया था। वे कहती हैं कि, इस सुविधा के चलते ही मैं और मेरा बच्चा भी पूरी तरह स्वस्थ है। छतौना की 35 वर्षीय मंदाकनी को भी बाइक एम्बुलेंस के जरिए केंदा अस्पताल लाया गया था, उन्होंने इस सुविधा के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का आभार जताते हुए कहा कि, यह सुविधा आदिवासियों के लिए जीवनदायिनी साबित हो रही है।