बिलासपुर। एसटी, एससी, ओबीसी और अल्पसंख्यक वर्ग के बेरोजगारों को स्वयं का व्यवसाय शुरू करने अंत्यावसायी विभाग में 28 योजनाएं शुरू की गई थी। हाल यह है कि वर्तमान में इनमें से सिर्फ 2 ही योजनाएं चल रही हैं। बाकी की 26 योजनाएं बंद हो चुकी हैं क्योंकि योजनाओं को संचालित करने के लिए विभाग के पास फंड ही नहीं है।
विभाग के अधिकारियों के अनुसार इन योजनाओं के तहत 20 हजार रुपए से लेकर 30 लाख रुपए तक कम ब्याज दर पर ऋण आसान किस्तों में उपलब्ध कराया जाता है। इसके अलावा कुछ योजनाओं में अनुदान राशि का प्रावधान भी है। इन योजनाओं के तहत पूर्व में प्रदेशभर में लाखों लोग लाभान्वित भी हो चुके हैं, लेकिन कोरोना काल से इनमें से अधिक योजनाएं बंद पड़ी है। इसके कारण इन योजनाओं का लाभ पाने बेरोजगार लोग विभागीय कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं।
इन योजनाओं का अब नहीं मिल रहा लाभ
अनुसूचित जनजाति वर्ग के अंतर्गत आदिवासी महिला सशक्तीकरण, पैसेंजर ट्रांसपोर्ट व्हीकल, ट्रेक्टरट्रॉली, डीजल-ऑटो रिक्शा, ट्रक्टर स्मॉल बिजनेस 1 व 2 शिक्षा ऋण। पिछड़ा वर्ग अंतर्गत टर्म लोन, व्यक्ति मूलक-टर्म लोन, न्यू स्वर्णिमा, शिक्षा ऋण। अल्पसंख्यक वर्ग के लिए टर्म लोन एवं शिक्षा ऋण। सफाई कामगार वर्ग के लिए माइक्रो क्रेडिट, महिला समृद्धि, महिला अधिकारिता, मालवाहक ऑटो रिक्शा योजना शामिल है। इसके साथ ही मिनीमाता स्वावलंबन योजना 5 साल से बंद है। इस योजना के तहत 3 वर्ष तक नियमित किस्त जमा करने पर 75 प्रतिशत प्रोत्साहन लाभदेने का प्रावधान है।
भेजा गया है प्रस्ताव
अंत्यावसायी विभाग निगम के कार्यक्रम अधिकारी लक्ष्मी कश्यप ने बताया कि योजनाओं को पुनः शुरू करने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। फंड जारी नहीं होने के कारण योजनाएं बंद हैं। प्रस्ताव को स्वीकृति मिलने के बाद योजनाएं दोबारा शुरू हो जाएंगी।