बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के रतनपुर थाने में बदमाश ने जमकर हंगामा मचाया। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें घायल बदमाश थाने में उसने पुलिस कर्मियों से गाली- गलौच करता हुआ दिखाई दे रहा है। विक्की उर्फ विकास रावत आदतन बदमाश है, जिस पर पुलिस ने झूठी शिकायत की आशंका पर रिपोर्ट नहीं लिखी। इस मामले के सामने आने के बाद एसपी ने टीआई समेत आधा दर्जन स्टाफ को लाइन अटैच कर दिया है। 

यह है पूरा मामला...

मिली जानकारी के अनुसार, यह वीडियो रतनपुर थाने का है, जहां विक्की उर्फ विकास रावत का नाम गुंडा सूची में शामिल है। उसके खिलाफ थाने में कई अपराध दर्ज हैं और वह क्षेत्र के नामी बदमाशों मे से एक है। रविवार की रात वह रतनपुर थाना पहुंचा और कुछ लोगों पर शराब भठ्ठी के पास मारपीट करने का आरोप लगाते हुए FIR दर्ज करवाने की बात कहने लगा। बदमाश ने बताया कि, उसके साथ मारपीट की गई है, जिससे उसके कंधे में चोट आई है और हाथ से भी खून बह रहा है। इसलिए केस दर्ज किया जाय। 

टीआई को बुलाने की कही बात 

बताया जाता है कि, बदमाश जब थाने टीआई को बुलाने की बात पर उत्पात मचा रहा था। तब थाना प्रभारी ऑनलाइन मीटिंग में शामिल होने के लिए गए हुए थे। ऐसे में नामी बदमाश होने के चलते थाने में मौजूद पुलिसकर्मियों ने उससे कहा कि, पहले घटना की तस्दीक की जाएगी और सही पाए जाने पर ही केस दर्ज किया जाएगा। लेकिन बदमाश तत्काल FIR दर्ज करने की बात करते हुए थाने में हंगामा करते लगा। इतना ही नहीं उसने थाने में अश्लील गाली गलौज का भी प्रयोग किया और टीआई को फोन लगवाने की धौंस जमाने लगा। बदमाश काफी देर तक थाने में हंगामा मचाता रहा और वहां मौजूद पुलिसकर्मी मूकदर्शक बने देखते रहे। फिर किसी तरह पुलिसकर्मियों ने बदमाश को अस्पताल में भर्ती करवाया। 

एसपी ने जताई नाराजगी 

वीडियो वायरल होने पर एसपी रजनेश सिंह नाराजगी जताते हुए कहा कि, बदमाश जब थाने में इस तरह की हरकत कर रहा था तो उस पर कार्यवाही क्यों नहीं नहीं की गई। इस पर बताया गया कि, घायल बदमाश का कंधा टूट गया था। लेकिन उसके बदमाश होने के चलते घटना की तस्दीक करने के बाद कार्यवाही पुलिस करना चाहती थी। हमें पता चला कि, बदमाश खुद को चोंट पहुंचा कर झूठी FIR दर्ज करवाने पहुंचा था। बदमाश के घायल होने के चलते उस पर कार्यवाही नहीं की गई। इस बात एसपी ने नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि, जब बदमाश घायल था तो उसकी रिपोर्ट क्यों नहीं दर्ज की गई। जिसके बाद उन्होंने टीआई रजनीश सिंह, आरक्षक नंदकुमार यादव अजय भारद्वाज, घनश्याम राठौर, दुर्गेश प्रजापति, राकेश आनंद को लाइन अटैच करते हुए रक्षित केंद्र में संबद्ध कर दिया है।

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दूसरे पक्ष ने केस दर्ज करवाने किया इंकार 

बताया जाता है कि, इस मामले में दूसरे पक्ष को पुलिस ने बुलवाकर पूछताछ की तो उन्होंने सिर्फ विवाद होना बताया। उन्होंने कहा कि, बदमाश खुद ही अपने आप को चोट पहुंचा कर झूठी रिपोर्ट करवाने पहुंचा होगा। वहीं दूसरे पक्ष ने भी बदमाश के खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्यवाही से इंकार कर दिया है।