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आईपीएल मैच के शुरु होते ही भिलाई-दुर्ग में सट्टा बाजार गर्म हो गया है। कोलकाता नाइट राइडर्स का रेट 86 और रॉयल चैलेंजर्स का 87 रेट चल रहा है।

बिलासपुर - विकास चौबे / भिलाई- जेएम तांडी। सेशन एक पैसे का है', 'मैंने चवन्नी खा ली है', 'डिब्बे की आवाज कितनी है', 'तेरे पास कितने लाइन है', 'आज फेवरिट कौन है', 'लाइन को लंबी पारी चाहिए'... कहने को यह सिर्फ चंद ऊटपंटाग शब्द लगेंगे, लेकिन इनके बोलने में करोड़ों का लेनदेन हो रहा है। बात हो रही है आईपीएल पर सट्टे बाजार की। आईपीएल को सट्टेबाजों को त्यौहार कहा जाता है। सरकार ने महादेव एप पर भले ही प्रतिबंध लगा दिया हो अवैध बेटिंग ऐप के ऑपरेटर्स सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन के इस्तेमाल से 'best IPL bet-ting site' या 'online casino without KYC' टैग लाइन के साथ अपने साइट का प्रचार करते हैं ताकि लोग इनके झांसे में आ जाएं। यह व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे ऐप का भी जमकर इस्तेमाल करते हैं। ऐसे लोग जिनके फॉलोअर्स की संख्या लाखों में हैं। 

बिलासपुर में चकरभाठा सट्टे का सबसे बड़ा बाजार है तो सरकंडा क्षेत्र धीरे-धीरे इसका गढ़ बनता जा रहा है। जरहाभाठा और मगरपारा में पुराने खाइवाल हैं। पुलिस की कार्रवाई के बाद लेकिन खेल अंडरग्राउंड होकर चल रहा है। दयालबंद, हेमूनगर, यदूनंदन नगर और तिफरा में रोजाना लाखों करोड़ों का सट्टा लगता है। हरिभूमि ने बिलासपुर के सरकंडा क्षेत्र के एक प्रमुख सट्टेबाज से बात की तो उसने स्वीकार किया की करोड़ों का सट्टा लग रहा है। सट्टे के खेल में पुराने खिलाड़ियों के साथ ही युवाओं और छात्रों को ज्यादा शामिल किया जा रहा है। इसने बताया कि अब ऑनलाइन साइट पर कई ऐसे ऐप आ गए हैं जिसके जरिए बुकी के एजेंट सट्टा लगाने वालों से रकम लेकर उनकी नई आईडी बनाते हैं और फिर उस आईडी में रकम डालते हैं। कोई दो हजार रुपए से अपनी आइडी खुलवाता है, तो कोई 50 हजार से। यह सब ऑनलाइन किया जा रहा है।

भिलाई के सटोरियों ने शहर छोड़ा, आईपीएल के रेट तय

 आईपीएल मैच के शुरु होते ही भिलाई-दुर्ग में सट्टा बाजार गर्म हो गया है। कोलकाता नाइट राइडर्स का रेट 86 और रॉयल चैलेंजर्स का 87 रेट चल रहा है। क्रिकेट सटोरियों को अब पकड़ पाना मुश्किल हो गया है क्योंकि स्मार्ट मोबाइल का उपयोग कर ऑनलाइन सट्टा लगा रहे हैं। पुलिस इन पर नजर तो रखी हुई है लेकिन बिना सबूत के पुलिस के हाथ भी खाली है। आईपीएल मैच के शुरू होते ही ऑनलाइन महादेव सट्टा के पैनालिस्ट भी सक्रिय होकर अपना कारोबार जिले के बाहर कर रहें है। इस सट्टे के कारोबार में कॉलेज छात्रों की भर्ती ली गई है। जिसे टेक्निकल की जानकारी अच्छी खासी है। हरिभूमि के स्टिंग में इस पूरे मामले का खुलासा हुआ है। सट्टे के दौरान उपयोग में लाए जाने वाली भाषा सामान्य से अलग है। डिब्बा, पंटर, लाइन, अठन्नी जैसे शब्दों को उपयोग में ला जा रहा है।

हरिभूमि- आईपीएल में सट्टा कैसे लगाया जाता है, क्या करना होगा?  

खाइवाल- आईपीएल का सट्टा लाइन पर चलता है। लाइन का नंबर छोटे शहरों में बैठे बुकी के पास होता है। बुकी ही लोगों को सट्टा खिलवाते हैं। मैच शुरू होने के साथ भाव तय होता है। मजबूत और कमजोर टीम के हिसाब से लाइन पर भाव आते हैं। इस भाव के आधार पर ही युवा बुकी के जरिए सट्टे पर रुपए लगाते हैं। इसके अलावा प्रति ओवर, प्रति बाल के हिसाब से भी लोग सट्टा लगाते हैं। सट्टा लगाने वाले व्यक्ति को लाइन कहा जाता है, जो एजेंट यानी पंटर के माध्यम से बुकी (डिब्बे) तक संपर्क करता है। एजेंट को एडवांस देकर अकाउंट खुलवाना पड़ता है, जिसकी एक लिमिट होती है।

हरिभूमि- सट्टे का भाव कैसे तय होता है, कौन तय करता है ?

खाइवाल- सट्टे के भाव को डिब्बे की आवाज बोला जाता है। आईपीएल क्रिकेट में सट्टेबाज 20 ओवर को लंबी पारी, दस ओवर को सेशन और छह ओवर तक सट्टा लगाने को छोटी पारी खेलना कहते हैं। इन पांच ओवरों में खेलने वाली टीम कितने रन बनाएगी और इसके कितने खिलाड़ी आउट होंगे व कौन सा खिलाड़ी कितने रन बनाएगा, सभी पर सट्टा लगा होता है। 

हरिभूमि- मैच से पहले ही सट्टे का भाव तय होता है क्या खाइवाल

मैच की पहली  गेंद से लेकर टीम के जीत तक भाव चढ़ते उतरते हैं। एक लाख को एक पैसा, 50 हजार को अठन्नी, 25 हजार को चवन्नी कहा जाता है। यदि किसी ने दांव लगा दिया और वह कम करना चाहता है तो फोन कर एजेंट को 'मैंने चवन्नी खा ली' कहना होता है। टॉस पर भी मोटा सट्टा लगता है। 

हरिभूमि- पुलिस पकड़ती नहीं क्या, बचने के लिए क्या करते हो 

खाइवाल-सावधानी बरती जाती है कि एक बार कोई मोबाइल नंबर यूज हो गया तो उसे दोबारा इस्तेमाल नहीं किया जाता। पुलिस की नजर से बचने के लिए दर्जनों मोबाइल फोन रखते हैं। फोन टैप होने के डर से हरेक खिलाड़ी का रेट, जीत हार, कुल स्कोर आदि पर लगने वाले सट्टे के रेट एसएमएस से एक दूसरे को भेजे जाते हैं। इसमें नगद लेनदेन नहीं होता। फोन पर ही काल कर सट्टा लगाया जाता है। मोबाइल वालेट और खाता के जरिए पैसे इधर-उधर किए जाते हैं। बुकी मोबाइल लेकर घर पर बैठा है या कहीं और, यह जानकारी पुलिस को नहीं मिल पाती। 

सट्टे की भाषा 

बुकी   डिब्बा 
एजेंट    पंटर 
क्लाइंट     लाइन 
एक लाख एक पैसा 
सवा लाख सवा पैसा 
25 हजार चवन्नी 
50 हजार अठन्नी 
भाव डिब्बे की आवाज 
20 ओवर लंबी पारी 
10 ओवर सेशन 
छह ओवर छोटी पारी 
शर्त कम करना खा जाना 

पंटर से बातचीत 

हरिभूमिः आईपीएल मैच शुरु हो गया क्या रेट चल रहा है? 
पंटरः पहला दिन है भैया कम चल रहा है लेकिन 86-87 का रेट है। 

हरिभूमिः भिलाई-दुर्ग में सट्टा के कारोबार का क्या जलवा है? 
पंटरः सबसे पास स्मार्ट फोन आ चुका है उसी से ऑनलाइन होता है अब। 

हरिभूमिः पुलिस का डर नहीं रहा है क्या अब कि सेटिंग है? 
पंटरः कहां भैया पुलिस को जैसे जानकारी मिलती है रेड करती है, इस कारण छिप कर कारोबार चलता है। 

हरिभूमिः पहला दिन कारोबार कैसा रहता है खेलने वाले कितने होते हैं? 
पंटरः शुरुआत में काफी कम रहता है जैसे जैसे मैच होता भीड़ बढ़ती है, खेलने वाले पहले से काफी सजग हो गए है। इस कारण कारोबार अभी मंदा है।

पुलिस की पैनी नजर 

भिलाई-दुर्ग के डीएसपी क्राइम अजय सिंह ने बताया कि, आईपीएल मैच शुरू होते ही सटोरियों पर पुलिस की पैनी नजर है। सट्टे के कारोबार को पनपने नहीं दिया जाएगा। टीम जांच में जुटी हुई है। 

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