पंकज भदौरिया-दंतेवाड़ा। पिछले दिनों पखांजूर में हुए भाजपा नेता असीम राय हत्याकांड के तार दंतेवाड़ा से जुड़े मिले। मुख्य आरोपी को महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया गया है। दंतेवाड़ा में पुलिस ने घेराबंदी कर घटना से जुड़े एक और आरोपी को गिरफ्तार किया है। वहीं उसके पास से 2 पिस्टल, 30 राउंड और 2 मैगजीन जब्त किया गया है। बताया जा रहा है कि, गिरफ्तार आरोपी मुख्य शूटर के साथ हथियार बेचने-खरीदने के मामले में शामिल था।
कुर्सी के लिए रची साजिश
दरअसल, सारा खेल कुर्सी का है। बीजेपी नेता असीम राय पखांजूर नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे थे। इसके बाद साजिश रचकर उनकी हत्या कर दी गई।
हत्यारों की असीम राय से थी आपसी रंजिश
पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि, नगर पंचायत अध्यक्ष बप्पा गांगुली, विकास पाल और जितेंद्र बैरागी की असीम राय से व्यक्तिगत दुश्मनी थी। अविश्वास प्रस्ताव पारित होने पर बप्पा गांगुली का अध्यक्ष पद जा सकता था, विकास पाल का अवैध लॉज टूट सकता था, वहीं जितेंद्र बैरागी की आपसी दुश्मनी थी। तीनों ने मिलकर प्लान बनाया और भाजपा नेता असीम राय को मौत के घाट उतार दिया।
बप्पा गांगुली और विकास पाल थे मास्टरमाइंड
पूरे प्लान में बप्पा गांगुली और विकास पाल ने पैसों का इंतजाम किया साथ ही प्लानिंग की। जितेंद्र बैरागी को रैकी का काम दिया गया। उसने अपने साथी सुमित मांझी और तपन मंडल के साथ मिलकर यह जिम्मेदारी ली। इसके बाद शार्प शूटर सुजीत और रिपन प्लान में शामिल हुए। उन दोनो ने जयंत नीलरतन और विकास तालुकदार को यह काम सौंपा।
विकास तालुकदार ने असीम राय पर चलाई थी गोली
फिर बप्पा गांगूली ने सोमेन मंडल के जरिए करीब 7 लाख रुपये नीलरतन तक पहुंचाया। एक लाख रुपये का कट्टा खरीदकर बाकी रकम आरोपियों ने बांट लिया। फिर विकास तालुकदार ने अपने साथी के साथ मिलकर वारदात को अंजाम दिया। गोपीदास बाइक चला रहा था और विकास तालुकदार ने बाइक के पीछे बैठ कर 7.65 एमएम पिस्टल से असीम राय को गोली मारी। पुलिस ने आरोपी सोनू साहू को दंतेवाड़ा से गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।