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रायपुर। प्रदेश के 50% निजी विद्यालय पांचवीं-आठवीं की केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल होंगे। इनमें सरस्वती शिशु मंदिर के 1100 ब्रांच भी शामिल हैं। रायपुर जिला शिक्षा कार्यालय  द्वारा जिले के निजी विद्यालयों को खत लिखते हुए उनकी मर्जी पूछी गई थी। बुधवार तक स्कूलों से परीक्षा में शामिल होने अथवा नहीं होने के लिए सहमति पत्र देने कहा गया था। प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक, राजधानी रायपुर के 50 प्रतिशत स्कूल केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल होंगे। ना केवल राजधानी रायपुर बल्कि प्रदेशभर से आधे से अधिक निजी विद्यालय इस केंद्रीकृत परीक्षा का हिस्सा बनेंगे।

गौरतलब है कि,  निजी विद्यालय एसोसिएशन ने केंद्रीकृत परीक्षा को लेकर न्यायालय में याचिका दायर की थी। उनका कहना था कि बीच सत्र में परीक्षा आयोजन संबंधित निर्णय अनुचित है। यदि परीक्षा का आयोजन किया जाना है तो सत्र के प्रारंभ में ही विभाग को इसकी सूचना देनी चाहिए थी। इसके बाद मौजूदा सप्ताह में अपना निर्णय सुनाते हुए न्यायालय ने निजी स्कूलों को इससे बाहर रहने की अनुमति प्रदान कर दी थी। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में 56 हजार 615 शासकीय विद्यालय हैं। इनमें से 7 हजार 153 निजी विद्यालय हैं। इनमें से 924 अकेले राजधानी रायपुर में है। (ये आंकड़ें केंद्र सरकार द्वारा हाल ही में जारी किए गए यूडाइस डाटा के अनुसार हैं।) इनमें से आधे अर्थात लगभग 3 हजार 500 निजी विद्यालय केंद्रीकृत परीक्षा का हिस्सा बनेंगे। 

दे चुके हैं राशि 

निजी विद्यालयों से परीक्षा में शामिल होने  के लिए प्रति छात्र की दर से राशि मांगी गई थी। पांचवीं कक्षा में प्रति छात्र 55 रुपए तथा आठवीं कक्षा में प्रति छात्र 60 रुपए की राशि ली गई थी। न्यायालय के आदेश के पूर्व निजी विद्यालयों से परीक्षा शुल्क के रूप में 1 करोड़ 25 लाख रुपए लिए जा चुके थे। कई विद्यालयों ने अंतिम फैसला आने के बाद राशि देने की बात कही थी। ऐसे में जो विद्यालय राशि जमा कर चुके हैं, वे केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं ताकि विद्यालय स्तर पर प्रश्नपत्र और उत्तरपुस्तिका प्रकाशन का अतिरिक्त आर्थिक भार उन पर ना आए।

सीबीएसई सिलेबस से पढ़ाई कराने वाले स्कूलों ने किया किनारा 

प्रदेश में बड़ी संख्या में ऐसे निजी स्कूल  हैं, जिन्होंने मान्यता सीजी बोर्ड की ली हुई है, लेकिन अपने छात्रों को अध्यापन वे सीबीएसई बोर्ड के सिलेबस के आधार पर कराते हैं। केंद्रीकृत परीक्षा में सवाल नियमानुसार सीजी बोर्ड से पूछे जाएंगे। इसलिए प्रदेश के बड़े ब्रांच वाले विद्यालयों ने इस केंद्रीकृत परीक्षा से तौबा कर ली है। रायपुर जिला शिक्षा कार्यालय के अनुसार, राजधानी के लिए प्रश्नपत्रों की छपाई हो चुकी है। अधिकतर जिलों में यही स्थिति है।

पलायन से कमजोर होंगे विद्यार्थी पांचवी-आठवीं की 

केंद्रीकृत परीक्षा में शामिल होने का फैसला करते हुए सरस्वती शिशु मंदिर प्रबंधन ने कहा कि बच्चों का उज्ज्वल भविष्य हमारी पहली प्राथमिकता है। राजधानी के देवेंद्र नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर विद्यालय के सचिव संजय जोशी ने कहा, सरकार द्वारा 5वीं-8वीं की बोर्ड परीक्षा आयोजित करना शालाओं की शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए बड़ा निर्णय है। परीक्षा से पलायन करने से विद्यार्थी कमजोर होंगे।

इधर... सूचना मिलने से ही इनकार 

प्रदेश के कई जिलों में निजी स्कूलों से उनकी मर्जी पूछी जा रही है, लेकिन कई जिले ऐसे भी हैं जहां जिला शिक्षा कार्यालय द्वारा न्यायालयीन आदेश की कॉपी प्राप्त ना होने की बात कहते हुए निजी स्कूलों को इससे राहत नहीं दी जा रही थी। तमाम तरह की शिकायतें आने के बाद अंततः स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को खत लिखते हुए डीपीआई ने कहा है कि न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए जो विद्यालय परीक्षा में शामिल नहीं होना चाहते हैं, उन्हें छूट दी जाए। जो परीक्षा में शामिल होना चाहते हैं, केवल उनके लिए परीक्षा आयोजित की जाए।

छोटे और मंझोले स्कूल 

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि, परीक्षा में शामिल होने के लिए सहमति देने वालों में अधिकतर स्कूल छोटे और मंझोले हैं। बड़े शैक्षणिक संस्थान अब अपनी पृथक समय-सारिणी जारी कर रहे हैं।