रायपुर। छत्तीसगढ़ के पटवारियों ने ऑनलाइन कार्यों का बहिष्कार किया है। जिसके चलते राजस्व संबंधित सभी प्रकार के ऑनलाइन कामकाज प्रभावित होगा। वहीं 15 दिसंबर तक संसाधन मुहैया कराने का अल्टीमेटम दिया गया था। प्रदेशभर के पटवारी 9 दिसंबर से काली पट्टी लगाकर चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं। पटवारी संसाधन की कमी की शिकायत को लेकर पहले भी हड़ताल कर चुके हैं। 

तीन रिश्वतखोर गिरफ्तार 

वहीं बीते महीने काम के बदले रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी की टीम ने मछली पालन विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर और कोरबा में एक राजस्व निरीक्षक और पटवारी को गिरफ्तार किया था। मंत्रालय में पदस्थ अफसर को एसीबी की टीम ने एक लाख रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी को आठ हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया था। मछली पालन विभाग में ज्वाइंट डायरेक्टर के पर पर पदस्थ देव कुमार सिंह को रिश्वत लेने के आरोप में पकड़ा गया था। बिलासपुर निवासी नरेंद्र कुमार श्रीवास जो जांजगीर-चांपा में मछली पालन विभाग में उप अभियंता के पद पर पदस्थ ने रिश्वत मांगने की शिकायत की थी। नरेंद्र ने एसीबी में लिखित में शिकायत दर्ज कराते हुए बताया था कि लंबित विभागीय कार्य के लिए उससे दो लाख रुपए की मांग कर रहा था।

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ट्रैप करने ग्रामीण बनकर पहुंचे थे अधिकारी 

संचालनालय में काम करने वाले कर्मचारियों के मुताबिक एसीबी की टीम को कोई पहचान न पाए, इसलिए टीम में शामिल 10 अफसर तथा कर्मी ग्रामीणों का वेश धारण कर संचलनायल पहुंचे थे। एसीबी की टीम में शामिल ज्यादातर लोग कुर्ता-पायजामा तथा लोवर पहने हुए थे। उनमें कुछ लोग कोट पैंट में थे। देखने से ऐसे लग रहे थे किसी अफसर के साथ ग्रामीण मछली पालन करने अफसर से मिलने आए हैं।

सीमांकन के बदले पैसों की मांग

एक अन्य मामले में एसीबी की टीम ने कोरबा, बाकीमोंगरा निवासी संजय दिवाकर की शिकायत पर राजस्व निरीक्षक अश्विनी राठौर तथा पटवारी धीरेंद्र लाटा को आठ हजार रुपए रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था। संजय ने राजस्व निरीक्षक तथा पटवारी के खिलाफ भूमि खरीदने के पूर्व सीमांकन करने 13 हजार रुपए रिश्वत मांगने की  शिकायत दर्ज कराई थी। राजस्व निरीक्षक रिश्वत की पहली किस्त पांच हजार रुपए ले चुका था। सीमांकन करने के बाद पटवारी संजय से आठ हजार रुपए लेते ट्रैप किया गया।