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मंत्रिमंडल का विस्तार मकर संक्रांति के बाद होगा। मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कई दिनों से चल रही अटकलों के बीच एक बार फिर विस्तार के लिए तारीख की नई संभावना सामने आई है। अब बताया जा रहा है कि मंत्रिमंडल का विस्तार मकर संक्रांति के बाद होगा। मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जाती है। हालांकि इस बारे में अभी सरकार की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। 

उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चल रही अटकलों के बीच कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव होने वाले हैं। इन चुनावों को लेकर सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न स्तरों पर प्रक्रिया भी चल रही है, लेकिन अभी ये तय नहीं है कि इन स्थानीय चुनावों के लिए अधिसूचना कब जारी की  जाएगी। लिहाजा ये बात भी सामने आ रही है कि स्थानीय चुनावों की अधिसूचना जारी होने के बाद मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। 

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जानकारों का अनुमान ये भी है कि,  स्थानीय चुनावों के लिए जारी होने वाली अधिसूचना के एक दिन पहले मंत्रिमंडल विस्तार किया जा सकता है। इस हिसाब से भी विस्तार की तारीख मकर संक्रांति के आसपास हो सकती है।  इस बीच मुख्यमंत्री ने भी कहा है कि मंत्रिमंडल विस्तार जल्द किया जाएगा, उन्होंने कुछ समय इंतजार करने की बात भी कही है। इसी बीच भाजपा की गुरुवार को होने वाली एक महत्वपूर्ण बैठक के सिलसिले में रायपुर आए हैं। जानकारों की मानें, तो मुख्यमंत्री से प्रदेश प्रभारी की चर्चा हुई है, इसमें मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बातचीत की गई है।

हरियाणा फार्मूले से बनेंगे तीन मंत्री

इसी बीच राज्य में इस बात की चर्चा तेज हो गई है कि राज्य में मंत्रियों के दो खाली पदों के साथ ही हरियाणा फार्मूले पर एक और मंत्री बनाया जा सकता है। यानि दो की जगह तीन नए मंत्री बनाए जाने की संभावना है। दरअसल हरियाणा में भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधायकों वाली विधानसभा है, वहां मुख्यमंत्री सहित 14 मंत्री होते हैं। जबकि छत्तीसगढ़ में 90 सदस्यों की विधानसभा में मुख्यमंत्री सहित 13 मंत्री होते है। सरकार इस बात पर गंभीरता से विचार कर रही है कि हरियाणा की तरह यहां भी मंत्रिमंडल में 13 मंत्री हों। इधर दूसरी ओर मंत्री पद के दावेदारों को लेकर सियासत गर्म है। जानकारों की मानें तो रायपुर, बिलासपुर और बस्तर से मंत्री को लेकर सियासत गर्म है। जानकारों की मानें तो रायपुर, बिलासपुर और बस्तर से मंत्री बनाए जा सकते हैं। रायपुर जिले से इस समय कोई मंत्री नहीं है। सरकार में मंत्री रहे बृजमोहन अग्रवाल के सांसद बनने के बाद से मंत्री का पद खाली है। इसके अलावा सरकार गठन के समय जब मंत्रिमंडल बना था तब भी एक पद खाली रखा गया था। लिहाजा रायपुर से मंत्री बनने की संभावना है। बिलासपुर और बस्तर से भी एक-एक मंत्री बनाए जाने की संभावनाएं सियासी हल्कों में चल रही है। मंत्री पद के दावेदारों और उनके समर्थकों में इसे लेकर बेचैनी का आलम है।

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