बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान डाईट बेमेतरा में चार दिवसीय व्यावसायिक शिक्षा और करियर निर्माण प्रशिक्षण सह कार्यशाला का बहुत ही सुंदर आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में बेमेतरा जिले के चारों विकासखंडों में अध्यापनरत शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला के 120 शिक्षक-शिक्षिकाओं ने भाग लिया।
समापन दिवस के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्थान के प्राचार्य जे के घृतलहरे थे। उन्होंने अपने उद्बोधन में सभी शिक्षकों से आह्वान किया कि वह अपने-अपने विद्यार्थियों का समुचित मार्गदर्शन करें और उन्हें व्यवसाय परक शिक्षा प्रदान करें। बच्चों की रुचि को ध्यान में रखते हुए उनके करियर निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करें। एक शिक्षक ही बच्चों के उज्जवल भविष्य के लिए सही मार्गदर्शन कर सकता है। विद्यार्थियों के भविष्य निर्माण में शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। प्राचार्य ने नई शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उच्च प्राथमिक स्तर पर विद्यार्थियों को करियर मार्गदर्शन और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान किए जाने के साथ ही इसके शिक्षकों को प्रशिक्षित किए जाने की आवश्यकता पर बल दिया।
सफल रहा चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला
इस कार्यशाला की प्रशिक्षण प्रभारी श्रीमती यमुना जांगडे व्याख्याता ने चार दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला को बेहतर ढंग से संचालित करने में बहुत ही महत्वपूर्ण योगदान निभाया। उन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में कार्य करने वाले प्रमुख व्यक्तियों को आमंत्रित कर उनके मार्गदर्शन से भी शिक्षक-शिक्षिकाओं को लाभान्वित कराने का बहुत ही सार्थक प्रयास किया।
मास्टर ट्रेनर्स ने किया मार्गदर्शन
इसी कड़ी में इस कार्यशाला में डेयरी पॉलिटेक्निक कॉलेज चोरभट्टी बेमेतरा से प्राचार्य किरण शर्मा और उनके एकेडमिक सदस्यों को बुलाया गया। आईटीआई बेमेतरा से प्राचार्य और उनकी टीम को आमंत्रित कर इस कार्यशाला को बहुत सफल बनाया। इस कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर्स, व्याख्याता सुनील कुमार झा ज्योति श्रीवास्तव, शालिनी दुबे और वेदराम लोधी ने विषय की विभिन्न अवधारणाओं पर विस्तार से चर्चा कर बेहतर मार्गदर्शन दिया।
इन विषयों पर की गई चर्चा
मास्टर ट्रेनर सुनील कुमार झा ने करियर निर्माण के लिए मनोविज्ञान विषय पर सार्थक चर्चा की। उन्होंने मौजूद शिक्षकों को समूह में बांटकर किशोरावस्था में विद्यार्थियों में शारीरिक संवेगात्मक परिवर्तन स्वयं की पहचान, समायोजन, स्वतंत्रता जैसे बिंदुओं पर चर्चा और प्रस्तुतीकरण करवाया। साथ ही एक निष्कर्ष पर पहुंचे कि व्यावसायिक शिक्षा और करियर निर्माण के लिए बच्चों के मन को समझना पहली प्राथमिकता होनी चाहिए। उन्होंने शिक्षकों की बहुत सी जिज्ञासाओं का समाधान भी किया।
सभी मास्टर ट्रेनर्स और प्रतिभागियों का किया सम्मान
समापन अवसर पर सभी मास्टर ट्रेनर्स और सभी प्रतिभागियों को संस्थान के प्राचार्य जे के घृतलहरे ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर डाईट के वरिष्ठ व्याख्याता उषा किरण पांडेय, अनिल सोनी जी एल खुटियारे, थलज कुमार साहू,राजकुमार वर्मा, कीर्ति घृतलहरे,अमिंदर भारती आदि मौजूद थे।