रायपुर। भाव खा रही सीमेंट कंपनियां आखिरकार बैकफुट पर आ गईं। उसने बढ़े हुए दाम वापस ले लिए। छत्तीसगढ़ की सीमेंट कंपनियों ने बीते सप्ताह 10 से 15 रुपए दाम बढ़ा दिए थे, जबकि प्रदेश सरकार ने कंपनियां से साफ कहा है कि दाम बढ़ाने से पहले कारण बताते हुए मंजूरी लेनी होगी। इसके बावजूद कंपनियों ने मनमर्जी करते हुए दाम बढ़ा दिए।
अंततः कंपनियों ने जहां बढ़े दाम वापस लिए, वहीं सितंबर में बढ़ाए गए 50 रुपए दाम में से पहले 45 रुपए ही दाम कम किए थे, उसके बचे हुए पांच रुपए को भी कम कर दिया है। प्रदेश में सीमेंट की कीमत थोक में 250 से 280 रुपए हो गई है। चिल्हर में यह 260 से 290 रुपए में मिल रहा है। नॉन ट्रेड में भी पांच से दस रुपए दाम कम किए गए हैं। इसके दाम अब भी 10 से 15 रुपए ज्यादा हैं। सीमेंट कंपनियों के दाम बढ़ाने पर प्रदेश सरकार का अंकुश नहीं है। यही वजह है कि कंपनियों की जब मर्जी होती है, दाम बढ़ा देती हैं। इस बार सितंबर में कंपनियों ने खुले बाजार के साथ ही नॉन ट्रेड सीमेंट के दाम 50-50 रुपए बढ़ा दिए थे। इसके बाद जहां हरिभूमि ने लगातार खबरों का प्रकाशन किया, वहीं चौतरफा राजनीतिक दबाव के बाद अंततः प्रदेश सरकार ने कंपनियों के साथ बैठक की। उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन के साथ बैठक में यह तय किया गया कि कंपनियां बढ़े हुए पूरे दाम वापस लेंगी और भविष्य में दाम बढ़ाने से पहले इसका कारण प्रदेश सरकार को बताते हुए मंजूरी लेंगी।
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सरकार से पूछे बिना बढ़ाए दाम, फिर वापस लिए
सीमेंट कंपनियों ने इस माह प्रदेश सरकार से पूछे बिना ही माह से तीसरे सप्ताह में दाम 5 से 15 रुपए तक बढ़ा दिए। इसके बाद जब हरिभूमि में खबर का प्रकाशन किया गया तो सीमेंट कंपनियों में इसको लेकर हड़कंप मच गया कि प्रदेश सरकार उन पर एक्शन ले सकती है। ऐसे में कंपनियों ने धीरे-धीरे करके अंततः बढ़े हुए 15 रुपए दाम वापस ले लिए हैं। इसी के साथ कंपनियों ने पहले के बढ़े हुए 50 रुपए के दाम में से जो पांच रुपए बचे थे, उसको भी वापस ले लिया है।