सेंट्रल जेल में अफ्रीकी बंदी ने की आत्महत्या : ड्रग्स के केस में चार साल से था बंद, मुंबई से पकड़ा गया था

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केन्द्रीय जेल रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर स्थित सेंट्रल जेल में बंद अफ्रीकी मूल के बंदी ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली। वह ड्रग्स के केस में पिछले चार साल से बंद था।

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के केंद्रीय जेल में बंद अफ्रीकी मूल के बंदी ने मंगलवार को आत्महत्या कर ली। बंदी पेट्रिक 2021 से ड्रग्स केस में जेल में बंद था। न्यायिक मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में गंज पुलिस मृत कैदी का पंचनामा कर रही है।

उल्लेखनीय है कि, 2021 में ड्रग्स तस्करी करने वाले पेट्रिक यूबीके बायको को पुलिस ने मुंबई के नाला सुपोरा के मकान में छापा मारकर गिरफ्तार किया था। पेट्रिक ने रायपुर में ड्रग्स तस्करी की पूरी श्रृंखला तैयार की थी। वह अपने गिरफ्तार हुए दोस्त मुंबई के ट्रांसपोर्टर रायडेन बेथेला की मदद से राजधानी में ड्रग्स सप्लाई करता था।

मुंबई से किया गया था गिरफ्तार

रायडेन की गिरफ्तारी के बाद ही पुलिस को पेट्रिक का क्लू मिला था। तब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी बेहद गोपनीय तरीके से की थी। पुलिस ने जब उसके मुंबई स्थित ठिकाने पर छापा मारा तब वह अकेला था। पुलिस की टीम दोस्त बनकर उसके घर में घुसी और उसे काबू में कर सीधे रायपुर ले आई। पुलिस को आशंका थी कि उसकी गिरफ्तारी का हल्ला मचने से वह अपने गैंग की मदद से कोई न कोई समस्या खड़ी कर सकता था।

आटो और टैक्सी वालों का बनाया था गैंग

तब मीडिया को एसएसपी यादव ने बताया था कि, पेट्रिक ने ऑटो और टैक्सी वालों का गैंग बनाया। वह उन्हीं के माध्यम से मुंबई में ड्रग्स ग्राहकों तक पहुंचाता है। उसके संपर्क में मुंबई के 30 से ज्यादा टैक्सी और ऑटो वाले हैं। वह उन्हें ड्रग्स का पैकेट छोड़ने के लिए कमीशन देता है. ऑटो वाले ही उसे ग्राहक लाकर देते हैं। पेट्रिक किसी से सीधा नहीं मिलता था। रायडेन की पेट्रिक से मुलाकात मुंबई के एक क्लब में हुई थी, जहां रायडेन अपने दोस्तों के साथ पार्टी करने गया। वहीं से रायडेन ने पेट्रिक से ड्रग्स खरीदना शुरू किया था।

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