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छत्तीसगढ़ के बजट सत्र जोरदार रहा। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी मंत्रियों को जमकर घेरा। नए विधायकों ने भी जमकर सवाल पूछे। बजट सत्र 17 दिन का था। 

रायपुर । छत्तीसगढ़ के बजट सत्र जोरदार रहा। विपक्ष के साथ सत्ता पक्ष के विधायकों ने भी मंत्रियों को जमकर घेरा। नए विधायकों ने भी जमकर सवाल पूछे। बजट सत्र 17 दिन का था। राज्यपाल के अभिभाषण के दिन सवाल नहीं पूछे जाते। इस तरह एक विधायक ज्यादा से ज्यादा 64 सवाल पूछ सकता है।  15 विधायकों ने बजट सत्र में 64 प्रश्न किए। इसमें 10 कांग्रेस के हैं और 5 भारतीय जनता पार्टी के। चौंकाने वाली बात यह है कि छह विधायक ऐसे हैं जिन्होंने एक भी सवाल नहीं पूछा। इनमें पांच भाजपा के हैं। 

सत्र में कांग्रेस-भाजपा के विधायकों ने सवालों के माध्यम से अपने क्षेत्र और राज्य के कई मुद्दों पर सरकार से जवा- तलब किया। छह विधायक ऐसे भी है जो सदन में मौजूद तो रहे पर एक भी सवाल नहीं लगा पाए। ऐसे आधा दर्जन विधायकों में भाजपा के पांच विधायक शामिल हैं। इनमें रेणुका सिंह, राजेश अग्रवाल, अमर अग्रवाल, योगेश्वर राज सिन्हा शामिल हैं। वहीं भाजपा विधायक भैयालाल राजवाड़े ने केवल एक सवाल पूरे सत्र के दौरान लगाया था। विक्रम उसेंडी ने तीन और सुश्री लता उसेंडी ने चार सवाल सत्र के दौरान पूछे। प्रश्नकाल में 90 विधायकों में से 79 विधायक ही अपने सवाल लगा सकते थे। विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और 9 मंत्री सवाल नहीं लगा सकते थे। 17 दिन की बैठक में 16 दिन तक प्रश्नकाल चला जिसमें 2504 सवालों को विधानसभा सचिवालय के द्वारा स्वीकृत किया गया था।

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50 से अधिक सवाल इन सदस्यों ने पूछे 

सत्र के दौरान विधानसभा में कुछ विधायकों ऐसे भी थे जिन्होंने 50 या उससे अधिक सवाल लगाए। ऐसे विधायकों मे अधिकांश नए विधायक शामिल हैं जो पहली बार विधायक बने। इनमें भाजपा के सुशांत शुक्ला, संपत अग्रवाल, अनूज शर्मा आगे रहे। कांग्रेस विधायकों में चातुरी नंद, ओंकार साहू, संगिता सिन्हा, अनिला भेडिया, कुंवर सिंह निषाद के नाम शामिल हैं। इन विधायकों ने अपने क्षेत्र के मामले विधानसभा उठाए।

एक दर्जन कांग्रेस और 6 भाजपा सदस्यों ने प्रतिदिन पूछे सवाल 

विपक्ष में होने के कारण प्रश्नकाल का ज्यादातर उपयोग कांग्रेस सदस्यों ने किया उन्होंने अधिक से अधिक सवाल लगाए। बजट सत्र के दौरान पूरे 16 दिन एक दर्जन कांग्रेस सदस्यों के सवाल रोज आए। वहीं भाजपा के आधा दर्जन सदस्य ऐसे थे जो सवालों माध्यम से रोज चर्चा में रहे। लगभग प्रतिदिन जिन सदस्यों के सवाल लगे उन कांग्रेस सदस्यों में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, उमेश पटेल, विक्रम मंडावी, भोलाराम साहू, दलेश्वर साहू, दलीप लहरिया, राघवेंद्र सिंह, इंद्रसाव, बालेश्वर साहू, अरबिका मरकाम, हर्षिता स्वामी बघेल, शेषराज हरबंश, लखेश्वर बघेल के नाम शामिल हैं। वहीं भाजपा विधायकों में धरमलाल कौशिक, पुन्नूलाल मोहिले, अजय चंद्राकर, धर्मजीत सिंह, राजेश मूणत और भावना बोहरा का नाम शामिल है।

10 से कम सवाल लगाने वाले विधायक 

10 से कम सवाल पूछने वाले एक दर्जन विधायक भी इसमें शामिल हैं जिन्होंने अपने क्षेत्र से संबंधित मामलों में ही सवाल उठाए। इनमें भाजपा के पूर्व मंत्री और वरिष्ठ विधायक भैयालाल राजवाड़े ने 1 और विक्रम उसेंडी ने 3 सवाल ही लगाए। पूर्व मंत्री लता उसेंडी ने 4 सवाल पूरे सत्र के दौरान पूछा। केवल चार सवाल लगाने वाले अन्य विधायकों में भूलन सिंह मरावी, विद्यावती सिदार, प्रणव कुमार मरपच्ची, प्रेमचंद पटेल और पुरंदर मिश्रा के नाम शामित हैं। विनायक गोयल ने 5, प्रबोध मिंज ने 7, डोमनलाल कोर्सेवाड़ा, चैतराम अटामी और सुनील सोनी ने 8 और गुरु खुशवंत साहेब ने सत्र के दौरान 10 सवाल ही लगाए थे। 

अजय-मूणत रहे आक्रामक 

छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार है, इसके बाद भी बजट सत्र में पूर्व मंत्री और वर्तमान विधायक अजय चंद्राकर और राजेश मूणत की आक्रामकता चर्चा में रही। अजय चंद्राकर ने कई मुद्दों पर अपनी ही सरकार के मंत्रियों को जमकर घेरा। श्री मूणत भी काफी आक्रामक रहे। सदन के समापन के दिन विधानसभा अध्यक्ष डा. रमन सिंह ने कहा कि अजय चंद्राकर हमारे बुमराह हैं ।

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