रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सोमवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने जय जोहार के साथ संबोधन शुरू किया। उन्होंने विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा के लिए सदस्यों को बधाई दी। इसके बाद राष्ट्रपति ने कहा- आप सबके बीच आकर विधायक के रूप में मेरी यादें ताजा हुईं।
राष्ट्रपति ने विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि, विधायक के रूप में दायित्व निभाना सौभाग्य की बात होती है। विधानसभा में आकर लगा कि, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया होता है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में वेल में आने पर निलंबन का नियम बनाया गया है। इसका पालन भी किया जा रहा है, यह खुशी की बात है। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि, अब तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में कभी मार्शल का उपयोग नहीं करना पड़ा, यह विधायकों और पूर्व विधायकों के लिए गर्व की बात है।
छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं।
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 24, 2025
राज्य के आप सब नीति-निर्माताओं पर विकास और प्रकृति के बीच संतुलन स्थापित करने की ज़िम्मेदारी है। इसके साथ ही समाज के सभी वर्गों को आधुनिक विकास-यात्रा से जोड़ना भी आपका उत्तरदायित्व है। pic.twitter.com/CGnkDCZN1L
छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं
मीनीमाता के जीवन संघर्षों को याद करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि, महिलाओं को प्रदेश की जनता का विशेष समर्थन मिला है। महिला सदस्य राज्य को आगे बढ़ाने तत्पर रहें। महिलाएं सशक्त होंगी तो हमारा समाज भी सशक्त होगा। श्रीमती मुर्मु ने कहा कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा ने समावेशी कल्याण के लिए अनेक विधेयक पारित किए। महिलाओं को अंधविश्वास से मुक्ति दिलाने के लिए अहम विधेयक लाया गया। छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं विद्यमान हैं। यहां की लोक संस्कृति की पूरे देश में सराहना होती है।
छत्तीसगढ़ के लोग बहुत अच्छे हैं : राष्ट्रपति
उन्होंने कहा कि, इस प्रदेश को इंद्रावती, शिवनाथ, महानदी का आशीर्वाद प्राप्त है। वामपंथी उग्रवाद को रोकने का कार्य निर्णायक दौर में है, जल्द छत्तीसगढ़ उग्रवाद रोकने की दिशा में सफल होगा। छत्तीसगढ़ विधानसभा राज्य की आदर्श छवि प्रस्तुत करेगी। हम भी रायपुर को ओडिशा का हिस्सा मानते हैं। परिसीमन की तो सीमा है, दिल का कोई दीवार नहीं है। भगवान जगन्नाथ केवल ओडिशा के नहीं पूरे विश्व के नाथ हैं। ओडिशा में जो चावल पकाया जाता है, वह छत्तीसगढ़ का है। मुझे छत्तीसगढ़ से बहुत लगाव है। उनहोंने आगे कहा कि, छत्तीसगढ़ के लोग बहुत अच्छे हैं। इसीलिए कहा गया है, छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया। मैं छत्तीसगढ़ के उज्जवल भविष्य की कामना करती हूं। अपना संबोधन पूरा करने के बाद राष्ट्रपति छत्तीसगढ़ विधानसभा से रवाना हो गई हैं।

सदस्यों ने श्रेष्ठ आचरण का उदाहरण प्रस्तुत किया है : डॉ. रमन
इससे पहले राष्ट्रपति का विधानसभा पहुंचने पर स्वागत करते हुए स्पीकर डॉ. रमन सिंह ने कहा कि, हम राष्ट्रपति का स्वागत कर अभिभूत हैं। आपके अनुभवों से हमारी विधानसभा लाभान्वित होगी। उन्होंने बताया कि, छत्तीसगढ़ विधानसभा में तीसरी बार राष्ट्रपति का आगमन हुआ है। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल भी छत्तीसगढ़ विधानसभा आईं थीं। अब तीसरी बार राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू विधानसभा आईं हैं। डा. रमन ने कहा कि, मेरा सौभाग्य है कि, तीनों अवसरों का मैं साक्षी बना हूं। छत्तीसगढ़ विधानसभा अपना रजत जयंती वर्ष मना रहा है। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने बीते वर्षों में कई ऐतिहासिक अवसर देखे। छत्तीसगढ़ विधानसभा में सदस्यों ने स्वयं अपने लिए अनुशासन के नियम बनाए हैं। इन नियमों को देश के अन्य विधानसभाओं ने भी उत्कृष्ट माना है। छत्तीसगढ़ विधानसभा में कई महत्वपूर्ण विधेयक पारित किए गए। छत्तीसगढ़ विधानसभा के सभी सदस्यों ने श्रेष्ठ आचरण का उदाहरण प्रस्तुत किया है। हमारे सदस्यों में मतभेद भले हों लेकिन कभी मनभेद नहीं होता। वर्तमान भवन में वैकल्पिक रुप में विधानसभा संचालित है, नया रायपुर में जल्द ही व्यवस्थित विधानसभा भवन का निर्माण पूर्ण होगा।
राज्यपाल ने किया सदस्य संदर्भ किताब का विमोचन
इससे पहले मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत ने राष्ट्रपति का स्वागत किया। राज्यपाल रमेन डेका ने सदस्य संदर्भ किताब का विमोचन किया। राष्ट्रपति को किताब की पहली प्रति भेंट की गई।

हमारे बीच मतभेद तो सकता है पर मनभेद नहीं : डॉ. महंत
इसके बाद नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत का संबोधन शुरू हुआ। श्री महंत ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में आपके आगमन से हम कृतार्थ हुए। आपकी सहजता, विनम्रता, और आपकी सादगी पूरे विश्व में जानी जाती है। आपका आगमन छत्तीसगढ़ के लिए ऐतिहासिक क्षण है ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच बरसों से अटूट रिश्ता है, महानदी से बरसों से इस संबंध का प्रवाह जारी है। डा. महंत ने कहा कि, ओडिशा हमें अपने घर की तरह लगता है। छत्तीसगढ़ भी ओडिशा के लोगों को घर की तरह ही लगता है। सौभाग्य की बात है कि, भगवान जगन्नाथ के लिए चावल छत्तीसगढ़ से जाता है। हमारा रिश्ता भगवान श्री राम के साथ है, छत्तीसगढ़ में भगवान राम को भांजा माना जाता है। हम अपने भांजे को प्रणाम करते हैं, यह हमारी संस्कृति है। हम सभी एकजुट होकर प्रदेश के विकास के लिए संकल्पित हैं। हमारे बीच मतभेद तो सकता है पर मनभेद नहीं है।

हमारे सदन में सार्थक चर्चा होती है : सीएम साय
इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का संबोधन शुरू हुआ। श्री साय ने कहा कि, छत्तीसगढ़ की पावन धरा में राष्ट्रपति का स्वागत है। यह अवसर ऐतिहासिक है कि, हमारे बीच राष्ट्रपति आईं। छत्तीसगढ़वासियों की तरफ से राष्ट्रपति का मैं अभिनंदन करता हूं। छत्तीसगढ़ विधानसभा की 25 वर्षों की यात्रा लोकतंत्र के सुदृढ़ीकरण की यात्रा है। हमारे सदन में सार्थक चर्चा होती है। हमारी विधानसभा ने संसदीय परंपराओं को सहेजने में अहम भूमिका निभाई। विधायकों के लिए दो दिनों तक प्रबोधन कार्यक्रम हुआ। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ की जनता की ओर से स्वागत किया।
राज्यपाल ने अटलजी को याद किया
अपने संबोधन में राज्यपाल रमेन डेका ने कहा कि, हम 25 वर्षों की यात्रा का उत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर हम पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का स्मरण करते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। रजत जयंती वर्ष को सरकार ने अटल निर्माण वर्ष के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। इस दौरान इंफ्रास्ट्रक्चर के कार्यों पर विशेष ध्यान होगा।