रायपुर। प्रदेश के 65 लाख से ज्यादा बिजली उपभोक्ताओं को नए साल में एक बार फिर महंगी बिजली का झटका लग सकता है। छत्तीसगढ़ राज्य पॉवर कंपनी ने बिजली नियामक आयोग को 2025-26 के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें 45 सौ करोड़ की कमी बताते हुए इसकी भरपाई की मांग रखी है। वैसे तो पॉवर कंपनी को नए सत्र में लगभग 15 सौ करोड़ का फायदा होने का अनुमान है, लेकिन पुराने 2023-24 के सत्र का 6130 करोड़ रुपए का अंतर है। इसमें 15 सौ करोड़ घटाने के बाद भी 45 सौ करोड़ की कमी आ रही है। इसको पूरा करने के लिए टैरिफ में इजाफा होगा, लेकिन यह इजाफा कितना होगा, इसको नियामक आयोग तय करेगा।
पॉवर कंपनी हर साल दिसंबर में नियामक आयोग को नए टैरिफ के लिए प्रस्ताव भेजती है। इसमें आमतौर पर पॉवर कंपनी अपनी तरफ से बिजली का टैरिफ कितना बढ़ाना है, इसका कभी भी प्रस्ताव नहीं भेजती है। पॉवर कंपनी सिर्फ अपना लेखा- जोखा भेजती है, इसको देखने के बाद नियामक आयोग तय करता है कि वास्तव में कंपनी को कितने पैसों को जरूरत है और वास्तव में उसका खर्च कितना होगा। इसके बाद जो कमी रहती है उसके हिसाब से टैरिफ में इजाफा होता है।
इस साल बढ़े हैं 20 से 25 पैसे
पॉवर कंपनी ने इस साल जून में 2024-25 सत्र का टैरिफ तय किया था। पॉवर कंपनी ने बीते साल भी नए सत्र में फायदा और पुराना अंतर बताया था। इसको आयोग ने तय किया। इसी के साथ प्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ अपनी तरफ से दिए थे, ऐसे में उपभोक्ताओं को कम झटका लगा है। इस सत्र में लगभग हर वर्ग की बिजली 20 से 25 पैसे यूनिट बढ़ी है। नए सत्र के लिए भी करीब-करीब फिर वैसी ही स्थिति बन रही है। ऐसे में संभावना है कि 10 से 20 पैसे प्रति यूनिट महंगी बिजली का झटका लग सकता है। अगर प्रदेश सरकार ने मदद कर दी तो यह झटका कम भी हो सकता है।
इसे भी पढ़ें...बिजली हुई और महंगी : लगातार चौथे माह बढ़ोतरी, अब तीन फीसदी और इजाफा
यह है लेखा-जोखा
- 240652 करोड़ की बेचेंगे बिजली
- 23082 करोड़ होगा खर्च
- 1570 करोड़ का होगा फायदा
- 6130 करोड़ पुराना घाटा
- 4560 करोड़ की होगी कमी
वर्तमान टैरिफ
- 0-100 यूनिट 3.90 रुपए
- 101-200 यूनिट 4-10 रुपए
- 201-400 यूनिट 5.50 रुपए
- 401-600 यूनिट 6.50 रुपए
- 601 ये ज्यादा यूनिट 8.10 रुपए
पुराने अंतर की राशि ज्यादा
पॉवर कंपनी ने 2025-26 के लिए जो प्रस्ताव भेजा है, उसमें बताया गया है कि पॉवर कंपनी इस सत्र में 24 हजार 652 करोड़ की बिजली बेचेगी। इसके मुकाबले में पॉवर कंपनी का खर्च 23 हजार 82 करोड़ होगा। ऐसे में पॉवर कंपनी को 1570 करोड़ का फायदा होगा। लेकिन 2023-24 में पॉवर कंपनी को अनुमान से 6130 करोड़ रुपए कम पड़े। ऐसे में इस अंतर की राशि में 1570 करोड़ को घटाने के बाद 4560 करोड़ रुपए का अंतर आ रहा है। इस अंतर की राशि के लिए ही टैरिफ बढ़ाने की मांग है। लेकिन आयोग तय करेगा कि वास्तव में पॉवर कंपनी को कितने पैसों की जरूरत होगी। उसके हिसाब से टैरिफ तय होगा।