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राज्य के करीब 110 शासकीय और निजी नर्सिंग कॉलेजों  में बीएससी नर्सिंग की 7721 सीटें हैं, जिसमें विभिन्न राउंड की काउंसिलिंग के बाद 2446 सीटों पर ही एडमिशन हो पाया था।

रायपुर। व्यापमं की सौ अंकों की प्रवेश परीक्षा में महज पांच नंबर लाने वाली अभ्यर्थी भी नर्स बन सकेंगी। निजी नर्सिंग कालेजों में बीएससी नर्सिंग की खाली 4775 सीटों को ध्यान में रखते हुए शासन ने छत्तीसगढ़ नर्सिंग पाठ्यक्रम प्रवेश नियम 2019 की कंडिका क्रमांक 16, 17 में उल्लेखित अधिकार के तहत आदेश जारी कर दिया है। भारतीय नर्सिंग काउंसिल ने करीब पांच साल पहले नर्सिंग कॉलेजों में एडमिशन के लिए न्यूनतम अंक का नियम बनाया था। जिस साल से नियम बना है, उसी साल से पात्र विद्यार्थियों का टोटा होने के तर्क के आधार पर अंतिम दिनों में नियम को शिथिल कर एडमिशन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस बार भी कुछ ऐसा ही हुआ है। 

राज्य के करीब 110 शासकीय और निजी नर्सिंग कॉलेजों  में बीएससी नर्सिंग की 7721 सीटें हैं, जिसमें विभिन्न राउंड की काउंसिलिंग के बाद 2446 सीटों पर ही एडमिशन हो पाया था। बाकी बची 4775 सीटें निजी कॉलेजों  से संबंधित हैं, जिस पर काफी कोशिशों के बाद संशोधित नियम के आधार पर एडमिशन के लिए शासन की ओर से चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा प्रवेश की अनुमति प्रदान की गई है। जानकारी के अनुसार व्यावसायिक परीक्षा मंडल द्वारा बीएससी नर्सिंग की सौ अंकों की प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती है। पूर्व में पचास अंक तक लाने वालों को एडमिशन दिया जा रहा था। बुधवार को जारी किए गए आदेश के अनुसार अब केवल पांच नंबर भी लाने वाले एडमिशन के लिए पात्र माने जाएंगे। इससे निजी कॉलेजों  के प्रबंधन ने राहत की सांस ली है।

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प्रायवेट नर्सिंग कॉलेज एसोसिशन ने माना आभार 

न्यूनतम अंक को पांच प्रतिशत किए जाने के नियम लागू करने के लिए प्रायवेट नर्सिंग कालेज एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल का आभार माना है। एसोसिएशन के महेन्द्र चौबे ने कहा कि इसका लाभ उन बच्चों को भी मिलेगा जो नियम की वजह से पढ़ाई का मौका गंवा चुके थे। पचास फीसदी अंक की वजह से करीब 14 हजार अभ्यार्थी प्रवेश के लिए अपात्र हो गए ।

जहां परीक्षा वहीं मूल्याकंन पर उठे सवाल

बीएससी नर्सिंग एवं पोस्ट बेसिक नर्सिंग की वार्षिक परीक्षा और मूल्याकंन की प्रक्रिया पर सवाल खड़े होने लगे हैं। आयुष विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित की गई वर्ष 2023-2024 की परीक्षा के लिए प्रदेश में बनाए गए परीक्षा केंद्र में आठों शासकीय नर्सिंग कालेज शामिल थे। यहां पढ़ने वाली करीब चार सौ छात्राओं ने अपने कॉलेज में ही परीक्षा दिलाई। नियम के मुताबिक जांच के लिए उत्तर पुस्तिका दूसरे जिले अथवा अन्य कालेज भेजे जाने थे। विवि प्रबंधन ने नियमों को ताक पर रखकर उत्तर पुस्तिका की जांच उसी कॉलेज में कराने की व्यवस्था कर दी, जहां परीक्षा हुई थी। हालांकि विवि प्रबंधन से जुड़े सूत्रों का कहना है कि ऐसा पिछले साल भी किया गया था।

केवल तीन दिन बाकी

इंडियन नर्सिंग काउंसिल द्वारा पिछले महीने जारी आदेश के अनुसार प्रवेश की अंतिम तारीख को 30 नवंबर तक बढ़ाई गई थी। चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा पुनः नया ऑनलाइन आवेदन के लिए 28 और 29 नवंबर का वक्त दिया गया है। 29 को मेरिट लिस्ट जारी कर 30 नवंबर को प्रवेश की प्रक्रिया संस्था स्तर पर पूरी की जाएगी।

क्वालिटी सुधारने का था उद्देश्य

बीएससी नर्सिंग के प्रवेश नियम में वर्ष 2019 में जब संशोधन कर न्यूनतम पचास फीसदी अंक का प्रावधान किया गया तब नर्सिंग पढ़ाई की क्वालिटी सुधारने का तर्क दिया गया था। उस दौरान नियम का काफी विरोध हुआ था तब जिम्मेदारों ने कहा था नर्सिंग की पढ़ाई मानव स्वास्थ्य से सीधा जुड़ा हुआ विषय है। जिस तरह चिकित्सा के अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ता है उसी तरह नर्सिंग की पढ़ाई के लिए भी कुछ सीमाएं तय होनी चाहिए। परीक्षा में मेरिट सूची के आधार पर प्रवेश देने नियम को लागू तो किया गया मगर इसका पालन उसी साल ही नहीं हो पाया और आईएनसी को ही नियम संशोधित कर कालेजों की सीट भरने के लिए सहमति देनी पड़ गई थी।

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