रायपुर। लगभग 30 साल बाद इस वर्ष चैत्र नवरात्रि चैत्र शुक्ल पक्ष प्रतिपदा 9 अप्रैल को रेवती और अश्विनी नक्षत्र के साथ ही गजकेसरी योग,अमृत सिद्धि योग, सर्वार्थ सिद्धि योग और शश योग, लक्ष्मी नारायण के शुभ संयोग में शुरू होगी। इस बार मां दुर्गा घोडे पर सवार होकर आ रहा है, जिससे साधकों को खुशियां मिलेगी। नवरात्रि के नौ दिनों में 3 सर्वार्थसिद्धि, 1 अमृतसिद्धि और 1 रवियोग भी आएगा। इन विशेष ग्रह योगों के संयोग से मनोकामना पूर्ति होगी। चैत्र शुक्ल की प्रतिपदा तिथि आठ अप्रैल को देर रात 11:50 बजे से शुरू हो गई है। ये तिथि अगले दिन यानी 9 अप्रैल को संध्याकाल 08:30 बजे समाप्त होगी।
हिंदू धर्म में उदया तिथि मान्य है, इसलिए चैत्र नवरात्रि की शुरुआत मंगलवार से होगी। प्रथम दिवस सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग का निर्माण सुबह 7:32 बजे से हो रहा है। इससे पहले रेवती नक्षत्र रहेगा। अश्विनी नक्षत्र सुबह 7:32 बजे से अगले दिन 10 अप्रैल को सुबह 05.06 बजे तक रहेगा। इन योगों में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक को अनंत फल की प्राप्ति होगी। 17 अप्रैल को श्री रामनवमी के उत्सव के साथ इसका समापन होगा।
नवरात्रि प्रभावरहित
नवरात्रि के साथ खरमास भी चल रहा है। नवरात्रि में सभी शुभ काम किए जा सकते हैं, लेकिन शुरुआत के पांच दिनों में यानि 13 अप्रैल तक खरमास हैं। खरमास में किसी भी तरह का शुभ कार्य करना अथवा नई शुरुआ शुरुआत प्रतिबंधित है, लेकिन नवरात्रि होने के कारण खरमास का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। दंतेश्वरी मंदिर के पं. यशवंत सिंह के अनुसार, खरमास का कोई प्रभाव नवरात्रि पर नहीं होगा। सभी तरह के शुभकार्य और नवीन खरीदी इस दौरान किए जा सकेंगे।
इसी दिन फैली थी सूर्य की पहली किरण
चैत्र नवरात्रि के साथ ही आज से हिंदू नववर्ष प्रारंभ हो जाएगा। चैत्र शुल्क प्रतिपदा विक्रम संवत हिंदू पंचांग का पहला दिन है। इसी दिन से कालगणना प्रारंभ हुई थी। इसी दिन ब्रह्मा ने सृष्टि का निर्माण किया था। इसी दिन सूर्य की पहली किरण पृथ्वी पर फैली थी। 9 ग्रह, 27 नक्षत्र और 12 राशियों का उदय भी इसी दिन हुआ था।
ज्योति कलशों से जगमग होंगे देवी मंदिर
बिलासपुर। मंगलवार से शुरु हो रही नवरात्रि के लिए देवी मंदिरों की तैयारी पूरी हो चुकी है। मां बम्लेश्वरी डोंगरगढ़, दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी समेत रतनपुर-रायपुर के महामाया मंदिर के साथ सभी देवी मंदिरों में शुभ मुहूर्त में ज्योति कलशों की स्थापना की जाएगी। रतनपुर स्थित महामाया देवी मंदिर में इस नवरात्र पर 21 हजार मनोकामना ज्योति कलश जलाए जाएंगे। घट स्थापना समय सुबह 6 बजकर 2 मिनट से लेकर 10 बजकर 16 मिनट तक एवं 11 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है।
सर्वमंगला में 5 एनआरआई ने जलवाए ज्योत
कोरबा। चैत्र नवरात्र पर जिले के मुख्य मां सर्वमंगला देवी मंदिर में सर्वाधिक 62 सौ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे। इसमें से 5 ज्योति कलश एनआरआई लोगों द्वारा भी प्रज्जवलित कराया गया है। इसके अलावा जिले के अन्य प्रमुख देवी मंदिर मड़वारानी, चैतुरगढ़,कोसगाई दाई, भवानी मंदिर, डंगनाई मंदिर करतला, चेपारानी पाली, खुटरीगढ़ देवी मंदिर सहित अन्य मंदिरों में 12 हजार 4 सौ मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे।
चंद्रपुर में छह हजार से अधिक ज्योत
जांजगीर-चांपा। चैत्र नवरात्रि को लेकर अविभाजित जांजगीर- चांपा जिले के देवी मंदिरों में तैयारी पूर्ण हो गई है। यहां के प्रसिद्ध चंद्रहासिनी मंदिर में 6 हजार से अधिक मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित होंगे। इसी प्रकार मनकादाई मंदिर खोखरा में साढ़े चार हजार से अधिक ज्योति कलश जलाने की तैयारी पूरी हो गई है। इधर हरदी महामाया, अष्टभुजी अड़भार, केरा चण्डी मंदिर में 2-2 हजार से अधिक कलश प्रज्जवलित करने की तैयारी है। इसके अलावा जिले के अन्य देवी मंदिरों में भी ज्योतिकलश जगमाएंगे।
जनप्रतिनिधियों के नाम देवी मंदिरों में प्रज्जवलित होंगे ज्योति कलश
अम्बिकापुर। देवी मंदिरों में चैत्र नवरात्र की अराधना मंगलवार से प्रारम्भ होगी। मंदिर प्रबंधन समिति द्वारा चैत्र नवरात्र की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। नवरात्र में देवी के साथ ही मंदिरों की भव्य सजावट की गई है। दुर्गा मंदिर में तेल व घी के 3000 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे। कुदरगढ़ पहाड़ी पर स्थित माता वागेश्वरी देवी धाम में तेल के 1100 दीप प्रज्जवलित किए जाएंगे।