आकाश पवार-गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। छत्तीसगढ़ में धान खरीदी शुरू हो गई हैं लेकिन समय पर धान का परिवहन ना होने की वजह से खरीदी केंद्रों में धान का अंबार लगा हुआ है।जीपीएम जिले के खरीदी केंद्रों के द्वारा बड़ा भ्रष्टाचार उजागर हुआ है। जहां राइस मिलर्स को लाभ पहुंचाने के लिए पतला धान को मोटा किस्म का बताकर खरीदी की जा रही थी। जिस पर कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को समितियों का निरीक्षण करने के लिए आदेशित किया है।

मिली जानकारी के अनुसार, जीपीएम जिले के खरीदी केंद्रों में पतले धान को मोटा बताकर खरीदी की जा रही थी। जिसकी शिकायत स्थानीय किसानों और मिडिया द्वारा उजागर किया जा रहा था। शुक्रवार को इस मामले में कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया ने किसानों के साथ बड़े पैमाने पर की जा रही ठगी माना और नोडल अधिकारी को लगातार समितियों का निरीक्षण हेतु आदेशित किया है। जीपीएम जिले में धान खरीदी समिति प्रभारी, डीएमओ और मिलर्स की मिलीभगत से किए जा रहे भ्रष्टाचार के कारण पतले किस्म के धान को मोटा किस्म बताकर खरीदा जा रहा है। 

1 नवंबर से चल रही है धांधली 

बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि, यह सिलसिला 1 नवंबर से शुरु हुए धान खरीदी से बदस्तूर जारी है। इस दौरान प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बदल गई लेकिन भ्रष्ट तंत्र नहीं बदला, इसलिए राईस मिलर्स को करोड़ों रुपयों का लाभ पहुंचाने के लिए पतले धान को मोटे में बताकर खरीदी जारी है। अब कलेक्टर द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर इसे किसानों के साथ बड़े पैमाने पर की जा रही ठगी का मामला मान लिए जाने के बाद उम्मीद है कि समिति प्रभारी पतले किस्म के धान को मोटे किस्म में न खरीदे।

किसानों को हो रहा नुकसान

मामले में जब हमारे संवाददाता ने किसानों से बातचीत की तो उन्होंने कहा कि, हमारे द्वारा लगाया गया बीज भी सरकारी है। खरीदी करने वाला भी सरकारी खरीदी केंद्र हैं. ऐसे में इन खरीदी केंद्रों में पतले धान को मोटा बात कर क्यों खरीदा जा रहा है यह उन्हें नहीं पता पर इससे उन्हें नुकसान जरूर हो रहा है। इस मामले मे जब पेंड्रा खरीदी केंद्र प्रभारी से बात की गई तो केंद्र में खरीदी किए गए धान के आंकड़े भी इसकी तस्वीर करते नजर आए। वहीं किसानों ने धांधली का आरोप लगाते हुए कार्यवाही की मांग की है।