रायपुर- सीएम विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री अरूण साव की मौजूदगी में कम्प्रेस्ड बायो गैस की पैदावार के लिए एमओयू साइन किया गया है। यह कार्यक्रम सीएम निवास के कार्यलय में आयोजित किया गया है। भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड ने रायपुर और भिलाई में कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्र की स्थापना करने की बात रखी थी। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य में बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण ने जैव ईंधन के उत्पादन की संभावनाओं को खोल दिया है।
भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड, नगर निगम और छत्तीसगढ़ बायो फ्यूल विकास प्राधिकरण के बीच समझौता हुआ है। जानकारी के मुताबकि, राज्य में इन दो संयंत्रों में लगभग 100 करोड़ रुपए का निवेश भारत पेट्रोलियम कार्पोरेशन लिमिटेड की तरफ से किया जाएगा। इसके लिए हर एक संयंत्र की क्षमता 100 से 150 टीपीटी रखी जाएगी। ताकी प्रदेश में 200 से 250 मीट्रिक टन नगरीय ठोस अपशिष्ट का उपयोग जैव ईंधन के उत्पाद के लिए किया जा सके।
रोजगार के अवसर मिलेंगे
खास बात यह है कि, कम्प्रेस्ड बायो गैस की पैदावार होने पर लगभग 60 हजार लोगों को रोजगार मिलने का रास्ता खुल जाएगा। यानी संयंत्र के निर्माण से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर मिलेगा। सभी कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों में उत्पादन और विक्रय होने पर राज्य में हर साल 20 लाख रुपए का जीएसटी मिलेगा। वहीं संयंत्र में सह-उत्पाद के रूप में जैविक खाद मिलने लगेगी। इसका मुख्य उद्देश्य यह है कि, छत्तीसगढ़ में जैविक खेती को बढ़ावा मिलेगा। इतना ही नहीं कम्प्रेस्ड बायो गैस संयंत्रों की स्थापना से ग्रीन वार रूम की दिशा में एक बेहतर कदम होगा।