रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने ईडी के वकील डॉ. सौरभ पांडे को सुरक्षा बढ़ा दी है। डीजीपी को पत्र लिखकर उन्होंने जान का जोखिम बताते हुए सुरक्षा की मांग की थी। डॉ. सौरभ पांडे ने बताया कि, उन्हें इंटेलिजेंस की ओर से सुरक्षा दी गई है। हाल ही में उन्होंने सरकार से सुरक्षा की मांग की थी। उन्होंने अंदेशा जताया था कि उन्हें जान का खतरा है।
दो जवान करेंगे सुरक्षा
सिक्युरिटी तौर पर छत्तीसगढ़ पुलिस की तरफ से दो गनमैन डॉ सौरभ पांडे को दिए गए हैं। यह पुलिस जवान हर समय उनके साथ रहेंगे। डॉ. सौरभ पांडे हाई कोर्ट में भी वकालत करते हैं। ऐसे में उनका रायपुर और बिलासपुर आना-जाना लगा रहता है। जबकि, प्रवर्तन निदेशालय के केस रायपुर की अदालत में चल रहे हैं। वे कांग्रेस सरकार में प्रभावशाली रहे अधिकारियों और कारोबारीयों के खिलाफ केस लड़ रहे हैं।
डीजीपी को पत्र लिखकर जताया जान का खतरा होने का आदेश
बीते दिनों सौरभ पांडे ने छत्तीसगढ़ पुलिस के डीजीपी अशोक जुनेजा को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की थी। इसके बाद इंटेलिजेंस के एडीजी को ईडी के वकील की सुरक्षा के मामले का रिव्यू करने का जिम्मा दिया गया था। जिसमें यह पाया गया कि, सौरव पांडे की जान पर खतरा हो सकता है। इसके बाद उन्हें सुरक्षा देने का आदेश जारी किया गया है।
इन बड़े रसूखदारों के खिलाफ लड़ रहे हैं केस
डॉ. सौरव पांडे जेल में बंद आईएएस रानू साहू, तत्कालीन कांग्रेस सरकार में सीएम कार्यालय में प्रमुख अधिकारी रह चुकीं सौम्या चौरसिया, कोल कारोबारी सूर्यकांत तिवारी, आईएएस अफसर समीर बिश्नोई जैसे रसूखदारों के खिलाफ केस लड़ रहे हैं। वहीं शराब घोटाला मामले में आरोपी अनवर ढेबर के खिलाफ भी अदालत में ED की तरफ से डॉ सौरभ पांडे ही दलील पेश करते हैं। कई बार देखा गया है कि, पेशी के दौरान अनवर ढेबर के समर्थक रायपुर अदालत कैंपस में मीडिया से भी उलझ जाते हैं।
पूर्व सीएम भूपेश बघेल समेत कई रसूखदारों के हैं नाम शामिल
प्रवर्तन निदेशालय महादेव सट्टा ऐप केस की भी जांच कर रही है। इस केस में कुछ IPS अफसरों, कांग्रेस के नेताओं और पूर्व सीएम भूपेश बघेल का नाम भी सामने आ चूका है। जिसके बाद कांग्रेस के लोग ईडी की कार्रवाई से काफी नाराज थे। वे लगातार ED के दफ्तर के सामने धरना प्रदर्शन और पुलिस के साथ हिंसक झड़प करते भी पाए गए हैं।