बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने भिलाई नगर विधायक देवेंद्र यादव को बड़ा झटका दिया है। जहां हाईकोर्ट ने चुनाव याचिका खारिज करने की देवेन्द्र यादव की अर्जी को खारिज कर दिया है। चुनाव याचिका की इस बहस में एक नया खुलासा हुआ है कि, जिस लोकसभा से देवेंद्र यादव चुनाव लड़े थे। वही के जिला न्यायालय से वे पिछले 10 वर्षों से भगोड़ा घोषित हैं।
भिलाई विधायक देवेंद्र यादव के खिलाफ पिछले 10 वर्षों से स्थाई वारंट निकला हुआ है। अब बड़ा सवाल यह उठता है कि, क्या इस केस में भी देवेंद्र यादव जेल जायेंगे? हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति राकेश मोहन पांडेय की एकलपीठ ने शुक्रवार को प्रेम प्रकाश पांडे द्वारा दायर चुनाव याचिका को खारिज करने के लिए देवेन्द्र यादव के आवेदन को खारिज कर दिया है।
पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने दायर की थी याचिका
दरसअल, जनवरी 2024 में, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और छत्तीसगढ़ सरकार के पूर्व मंत्री प्रेम प्रकाश पांडेय ने अधिवक्ता शैलेन्द्र शुक्ला और देवाशीष तिवारी के माध्यम से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के समक्ष एक चुनाव याचिका दायर की थी। उस याचिका में श्री पांडे ने भिलाई निर्वाचन क्षेत्र से विधान सभा सदस्य के रूप में श्री देवेन्द्र यादव के चुनाव को चुनौती दी है। उक्त चुनौती इस आधार पर दी गई है कि भारत के चुनाव आयोग के समक्ष दायर हलफनामे में देवेंद्र यादव ने अपने आपराधिक इतिहास को छुपाया है। विशेष रूप से रायपुर की एक अदालत द्वारा उन्हें अपराधी घोषित किया गया है। उन पर इस तथ्य को भी छुपाने का आरोप है।
पुराने मामले में हैं देवेंद्र यादव फरार घोषित
श्री पांडे की याचिका के जवाब में देवेंद्र यादव ने तकनीकी आधार पर उक्त चुनाव याचिका को खारिज करने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था। श्री पांडे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. एन के शुक्ला और देवेंद्र यादव की ओर से अधिवक्ता बीपी शर्मा को सुनने के बाद अदालत ने पाया कि, देवेंद्र यादव इस तथ्य का खुलासा करने में विफल रहे हैं कि, उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, बिलासपुर के समक्ष लंबित आपराधिक मामले में फरार घोषित किया गया है और इसी तरह, उन्होंने न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, रायपुर के समक्ष लंबित मामले में नए जमानती वारंट जारी करने की बात भी छिपाई है।
31 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
उसी के आधार पर माननीय न्यायालय ने श्री यादव के आवेदन को इस टिप्पणी के साथ खारिज कर दिया कि, इस तरह का खुलासा न करना मामले की जड़ तक जाता है और वर्तमान चुनाव याचिका में शामिल मुद्दे महत्वपूर्ण हैं जिन्हें प्रारंभिक चरण में खारिज नहीं किया जा सकता है। इस मामले में आगे की कार्यवाही अब 31 जुलाई को सुनवाई होगी।