रायपुर। छत्तीसगढ़ में हुए शराब घोटाला केस की आंच अब दिल्ली राज्यसभा तक पहुंच गई है। जहां शराब घोटाले को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए आम आदमी पार्टी और कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा। शराब घोटाले का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, छत्तीसगढ़ में हुआ शराब घोटाला कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री के साथ जुड़ा हुआ है।
भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो विपक्ष हंगामा कर रहा है
आप पार्टी जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि, ये आम आदमी पार्टी वाले तब चीख-चीख कर कहते थे कि ईडी लगा दो... सीबीआई लगा दो। इस मुख्यमंत्री को जेल में डाल दो। तब इन्हें ईडी बहुत प्यारा लगता था। ये वही लोग हैं जो आज जांच एजेंसियों को बदनाम कर रहे हैं। जिन्हें सजा मिली है, उनके साथ ये (कांग्रेस नेता) तस्वीरें निकाल रहे हैं। जब भ्रष्टाचारी जेल जा रहे हैं तो ये हंगामा कर रहे हैं। यहां केंद्रीय जांच एजेंसियों पर आरोप लगाए जा रहे हैं कि, सरकार इनका दुरुपयोग कर रही है।
आप पर बरसे पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि, भ्रष्टाचार करे आम आदमी पार्टी... शराब घोटाला करे आम आदमी पार्टी... बच्चों के काम में घोटाला करे आम आदमी पार्टी... आम आदमी पार्टी की शिकायत करे कांग्रेस और आप को कोर्ट में ले जाए कांग्रेस। कार्रवाई हो तो ये गाली मोदी को देते हैं। अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस साथी बन गए हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई चुनाव के लिए नहीं लड़ता, ये मेरा मिशन है।
एक साल पहले AAP ने लगाया था 9 हजार करोड़ के घोटाले का आरोप
छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले को लेकर एक साल पहले आम आदमी पार्टी ने ही कांग्रेस को घेरा था। तब के आप पार्टी के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष कोमल हूपेंडी ने कहा था कि, प्रदेश में 2 हजार करोड़ का नहीं, बल्कि 9 हजार करोड़ से अधिक का शराब घोटाला हुआ है। हूपेंडी ने दस्तावेजों के साथ महासमुंद जिले का उदाहरण भी दिया था। वहीं इस मामले को लेकर पार्टी के सह सचिव अभिषेक जैन ने 2 जुलाई 2020 को कलेक्टर महासमुंद से शिकायत की थी। इसमें उन्होंने बताया था कि, जिले के सरकारी शराब दुकानों में अवैध रूप से बिना परमिट के डुप्लीकेट सरकारी हॉलमार्किंग वाली शराब उत्पादक से सीधे शराब दुकानों में खाली होती है और बिना स्कैनिंग के उसे बेचा जाता है।
यह है शराब घोटाला
ईडी की FIR में पार्ट A के तहत IAS अनिल टुटेजा और कारोबारी अनवर ढेबर को शामिल किया गया है। जहां आईएएस टुटेजा की नजदीकियों का पूरा फायदा मिला। CSMCL के एमडी के रूप में अरुणपति त्रिपाठी की नियुक्ति टुटेजा के प्रभाव के चलते ही हो सकी थी। राज्य की नौकरशाही में उनके प्रभाव के कारण, IAS टुटेजा ने अनवर ढेबर और बाकी अधिकारियों के जरिए महत्वपूर्ण नियुक्तियों और सिंडिकेट को नियंत्रित किया। वहीं अनवर ढेबर वो व्यक्ति थे जिन्होंने पूरे कैश कलेक्शन को नियंत्रित किया।
पूर्व आईएएस विवेक ढांढ पर भी लगे आरोप
इसके अलावा सिंडिकेट को संरक्षण देने का काम पूर्व आईएएस विवेक ढांढ ने किया। जिन्हें अवैध राशि का शेयर दिया जाता था। ढेबर के करीबियों को FL10A लाइसेंसधारी, मैनपावर, कैश कलेक्शन जैसे सभी महत्वपूर्ण जगहों पर रखा गया। उनके सहयोगियों ने हजारों करोड़ रुपए का कमीशन कलेक्ट किया। ED की FIR में IAS के बेटे यश का भी नाम है।
ईडी ने टुटेजा को बताया है आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम
ईडी ने अनिल टुटेजा की गिरफ्तारी के कई आधार बताए थे। ईडी ने कहा था कि, शराब घोटाले में अनवर ढेबर ने सिंडिकेट बनाया और उस सिंडिकेट को सबसे ज्यादा पावर अनिल टुटेजा से मिलती थी, जो कंट्रोलर की भूमिका में थे। ईडी ने उन्हें आर्किटेक्ट ऑफ लिकर स्कैम बताया था। फिलहाल टुटेजा अभी जेल में बंद हैं।
कांग्रेस ने बदली आबकारी नीति
ईडी ने अपनी चार्जशीट में बताया था कि, किस तरह रायपुर के महापौर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर के आपराधिक सिंडिकेट के जरिए आबकारी विभाग में बड़े पैमाने पर घोटाला हुआ। ईडी ने चार्जशीट में कहा है कि पहले साल 2017 में बनी आबकारी नीति को बदलकर CSMCL के जरिए शराब बेचना शुरू किया गया था। लेकिन 2019 के बाद अनवर ढेबर ने अरुणपति त्रिपाठी को CSMCL का एमडी नियुक्त कराया, उसके बाद अधिकारी, कारोबारी, राजनीतिक रसूख वाले लोगों के सिंडिकेट के जरिए भ्रष्टाचार किया गया। जिससे 2161 करोड़ का घोटाला हुआ।
बीजेपी सरकार ने बनाया था यह नियम
ईडी चार्जशीट के अनुसार, बीजेपी सरकार के समय ये नियम बनाया गया था कि सभी एजेंसियों से शराब खरीदी कर इसे दुकानों में बेचा जाएगा। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने इसे बदलकर अपने खास फर्मों को सप्लाई की जिम्मेदारी दे दी थी।