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छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों नियमित व्याख्याता और प्रधान पाठकों की प्राचार्य पदोन्नति की मांग की है।      

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा ने प्रदेश के स्कूल शिक्षा विभाग में कार्यरत हजारों नियमित व्याख्याता और प्रधान पाठकों की प्राचार्य पदोन्नति की मांग की है। उनका कहना है कि, प्रदेश में विगत 11 वर्षो से 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूल में प्राचार्य के रिक्त पदों पर पात्रता रखने वाले नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक माध्यमिक शाला (स्नातकोत्तर प्रशिक्षित) की प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं हुई हैं।

ज्ञापन देनें के बाद भी नहीं हो रही कार्रवाई 

"छत्तीसगढ़ राज्य प्राचार्य पदोन्नति संघर्ष मोर्चा के द्वारा व्याख्याता तथा प्रधान पाठक से प्राचार्य पदोन्नति किए जाने के लिए हाईकोर्ट छत्तीसगढ़ से लेकर सुप्रीम कोर्ट नई दिल्ली तक न्याय के लिए गुहार लगाई गई है। मुख्यमंत्री, स्कूल शिक्षा मंत्री, स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव, संचालक लोक शिक्षण संचालनालय तथा विभागीय उच्चाधिकारियो से मुलाकात कर अनेकों बार ज्ञापन सौंप कर प्राचार्य पदोन्नति के लिए मांग की है। लेकिन सरकार के द्वारा प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था के समुचित सुधार के लिए बेहद जरूरी इस प्राचार्य पदोन्नति की मांग को तरजीह नहीं दी गई, नतीजा हर वर्ष सैकड़ों की संख्या में नियमित व्याख्याता तथा प्रधान पाठक बिना प्राचार्य पदोन्नति के सेवानिवृत होते चले गए. अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठक प्राचार्य बनने का सपना लिए स्वर्ग सिधार गए। नतीजा प्रदेश के सैकड़ों शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य विहीन रह गए , जहां प्रभारी के भरोसे काम चलाया जा रहा हैं। 

प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह
प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह

स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्थापना के लिए सरकार उठाये कदम 

प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने कहा कि, प्रदेश में विधान सभा चुनाव तथा लोक सभा चुनाव के कारण प्राचार्य पदोन्नति का कार्य लंबित था. अब लोक सभा चुनाव संपन्न होने के बाद नए शिक्षा सत्र के प्रारंभ होने से शिक्षा जगत में प्राचार्य पदोन्नति को लेकर नई उम्मीद उत्पन्न हुई हैं। उन्होंने आगे कहा कि, हमें सीएम और स्कूल शिक्षा मंत्री से पूर्ण उम्मीद हैं कि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार के लिए तथा प्राचार्य विहीन समस्त हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य की पदस्थापना के लिए शीघ्र कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह मांग करते हुए कहा कि, स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 11 वर्षो से रूकी हुई प्राचार्य पदोन्नति के लिए कारगर कदम उठाते हुए प्राचार्य पदोन्नति की समस्त विभागीय प्रक्रिया दो माह के भीतर पूर्ण की जाकर प्राचार्य पदोन्नति का आदेश अविलंब जारी करवाने विभागीय अधिकारियों को समुचित निर्देश जारी करें। 

11 सालों से नहीं हुई है प्राचार्यों की पदोन्नति 

उन्होंने आगे कहा कि, प्रदेश के 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में रिक्त प्राचार्य के पदों को वर्षो से प्राचार्य पदोन्नति से वंचित प्रदेश के सभी पात्र व्याख्याता एवं प्रधान पाठकों से प्राचार्य पदोन्नति का आदेश अविलंब जारी करें। ताकि प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार हो सकें। स्कूल शिक्षा विभाग में विगत 11 वर्षो से प्राचार्य पदोन्नति नहीं होने के कारण 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्डरी स्कूल प्राचार्य विहीन हैं. जहां प्रभारियों के भरोसे काम चलाया जा रहा हैं। प्रदेश के 3266 से अधिक स्कूलों में पूर्णकालिक प्राचार्य के नहीं होने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था तथा शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित हो रही हैं। प्रदेश के स्कूलों की शिक्षा व्यवस्था में पूर्णकालिक प्राचार्य की इतनी बड़ी रिक्तता सवालिया निशान खड़ा करती हैं। 

3266 शिक्षकों के पद हैं खाली 

सीएम और स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग करते हुए कहा कि, राज्य में स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत "टी"  संवर्ग में वर्ष 2013 से  तथा "ई"  संवर्ग में वर्ष 2016 के बाद से हाई स्कूल तथा हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं की गईं हैं। राज्य में 3266 से अधिक शासकीय हाई स्कूल, हायर सेकेण्डरी स्कूलों में वर्षों से प्राचार्य के पद रिक्त पड़े हैं। स्कूल शिक्षा विभाग में 11 वर्षो से प्राचार्य पद पर पदोन्नति नहीं होने से "टी" तथा "ई" संवर्ग के सैकड़ों व्याख्याता तथा प्रधान पाठक सेवानिवृत्त हो गए हैं। प्राचार्य पद पर पदोन्नति का रास्ता देखते-देखते अनेकों व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों की मृत्यु हो गईं हैं। प्रत्येक माह लगातार अनेक वरिष्ठ व्याख्याता और प्रधान पाठक माध्यमिक शाला प्राचार्य पदोन्नति का रास्ता देखते- देखते सेवानिवृत होते जा रहे हैं। 

प्राचार्य पदोन्नति आदेश जारी करने की मांग 

राज्य में विगत कई वर्षों से बाधित रही प्राचार्य पदोन्नति की विभागीय प्रकिया को दो माह के भीतर पूर्ण कर 3266 से अधिक हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्राचार्य के रिक्त सभी पदों पर पात्रता रखने वाले व्याख्याता तथा प्रधान पाठकों से प्राचार्य पदोन्नति का आदेश अविलंब जारी करने की मांग की गई हैं। प्रदेश संयोजक सतीश प्रकाश सिंह ने कहा कि प्राचार्य पद पर पदोन्नति देने से शासन को कोई अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आयेगा। क्योंकि पदोन्नति प्राप्त करने वाले सभी व्याख्याता तथा प्रधान पाठक वर्तमान में प्राचार्य पद का ही वेतन और पे स्केल प्राप्त कर रहें हैं। प्रदेश के इन व्याख्याता और प्रधान पाठकों को प्राचार्य पद पर पदोन्नति मिलने से प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में समुचित सुधार आएगा।
 

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