परीक्षा पे चर्चा, छत्तीसगढ़ टॉप पर : एमपी, यूपी, गुजरात और राजस्थान भी हमसे पीछे

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को दिए गए लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि के मामले में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है।;

Update: 2025-01-17 06:30 GMT
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रायपुर। परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ को दिए गए लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि के मामले में पूरे देश में प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। सभी राज्यों को उनके यहां दर्ज छात्र संख्या के आधार पर पंजीयन लक्ष्य प्रदान किया गया था। छत्तीसगढ़ ने निर्धारित संख्या से लगभग दोगुना पंजीयन करवाकर प्रथम स्थान हासिल किया है। लक्ष्य प्राप्त करने में ओडिशा दूसरे स्थान पर तथा गुजरात तीसरे स्थान पर है। जबकि उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे अधिक जनसंख्या वाले भाजपा शासित राज्य निर्धारित लक्ष्य भी हासिल नहीं कर सके हैं। ना केवल उप्र और मप्र बल्कि सूची में हरियाणा, महाराष्ट्र जैसे कई राज्य हैं, जहां भाजपा की सरकार है, लेकिन वे प्रधानमंत्री के इस कार्यक्रम के लिए निर्धारित लक्ष्य हासिल नहीं कर सके हैं।

छत्तीसगढ़ को परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के लिए 10 लाख 25 हजार छात्रों का पंजीयन कराने लक्ष्य दिया गया था। दिए गए लक्ष्य से 197.86 प्रतिशत अर्थात 20 लाख 28 हजार पंजीयन यहां हुआ है। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, केवल 8 राज्य ही दिए गए लक्ष्य को हासिल कर सके हैं। शीर्ष तीन राज्यों के अलावा पंजाब, राजस्थान, आंध्रप्रदेश और उत्तरप्रदेश ने अपने दिए गए लक्ष्य को हासिल किया है। परीक्षा पे चर्चा का आयोजन जनवरी में ही नई दिल्ली के भारत मंडपम, नई दिल्ली में टाउन हॉल आयोजित होना प्रस्तावित है। ऑफिशियल डेट की घोषणा जल्द ही कर दी जाएगी। इस कार्यक्रम के लिए चुने गए लगभग 2,500 स्टूडेंट्स को शिक्षा मंत्रालय द्वारा पीपीसी किट भी प्रदान की जाएगी। परीक्षा पे चर्चा का यह आठवां संस्करण है।

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14 जनवरी तक खुला था पोर्टल

परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम के अंतर्गत विद्यार्थियों, पालकों एवं शिक्षकों को प्रधानमंत्री से सवाल पूछने का मौका मिलता हैं। इसके लिए पंजीयन अनिवार्य होता है। पंजीयन के लिए पोर्टल 14 जनवरी तक खुला था। कक्षा 6वीं से 12वीं तक के बच्चों को इसमें हिस्सा लेने की पात्रता थी। जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ को दिए गए लक्ष्य के विरुद्ध उपलब्धि 200 प्रतिशत रही। समग्र शिक्षा की ओर से अधिक से अधिक प्रश्न पूछने के लिए इस कार्यक्रम का व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया था। सभी हितग्राहियों को प्रश्न पूछने के लिए शाला स्तर पर प्रोत्साहित किया गया था।

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