Logo
छत्तीसगढ़ फिल्मों के एक्टर और विधायक अनुज शर्मा अपनी फिल्म 'सुहाग' को लेकर आजकल पूरे प्रदेश में चर्चा में हैं। उनकी फिल्म 'सुहाग' एक साथ 70 सिनेमाघरों में प्रदर्शित हो रही है। दर्शक इस फिल्म की सराहना कर रहे हैं।      

हेमन्त वर्मा- धरसीवां-रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगे धरसींवा विधानसभा के विधायक और छत्तीसगढ़ी फिल्मो के सुपर स्टार अनुज शर्मा की हालिया रिलीज फिल्म 'सुहाग' ने पूरे राज्य में धूम मचा दी है। फिल्म न केवल बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन कर रही है, बल्कि इसने दर्शकों के दिलों में भी एक खास जगह बना ली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भी फिल्म की जमकर सराहना की है, जिससे फिल्म और इसकी टीम का उत्साह दोगुना हो गया है।

संपूर्ण पारिवारिक फिल्म है 'सुहाग' 
'सुहाग' की सबसे खास बात यह है कि, यह लंबे समय बाद छत्तीसगढ़ी सिनेमा में आई एक संपूर्ण पारिवारिक फिल्म है। आज के दौर में जहां एक्शन और कॉमेडी फिल्मों का बोलबाला है, 'सुहाग' ने रिश्तों की मिठास, परिवार के महत्व और सामाजिक मूल्यों को बड़े ही सहज और मार्मिक ढंग से प्रस्तुत किया है। यही वजह है कि यह फिल्म हर वर्ग के दर्शकों को अपनी ओर खींचने में कामयाब रही है। 

कर्णप्रिय संगीत भी फिल्म का मजबूत पक्ष
फिल्म की सफलता का एक बड़ा कारण इसकी बेहतरीन कहानी और कर्णप्रिय संगीत भी है। 'सुहाग' की कहानी दर्शकों को बांधे रखती है, जिसमें प्रेम, त्याग, और पारिवारिक एकता के भावों को खूबसूरती से पिरोया गया है। फिल्म के गीत न केवल मधुर हैं, बल्कि वे कहानी को आगे बढ़ाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इन गीतों की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि रिलीज होने के साथ ही ये लोगों की जुबान पर चढ़ गए हैं।

Chhattisgarhi family film Suhaag released
फिल्म 'सुहाग' का ट्रेलर भी सीएम साय के हाथों लांच हुआ था

एक साथ 70 सिनेमाघरों में हुई रिलीज
'सुहाग' छत्तीसगढ़ी सिनेमा की पहली ऐसी फिल्म है जो एक साथ 70 सिनेमाघरों में रिलीज हुई है। यह आंकड़ा फिल्म की व्यापक पहुंच और दर्शकों के बीच इसके जबर्दस्त क्रेज को दर्शाता है। छोटे शहरों से लेकर बड़े शहरों तक, हर जगह 'सुहाग' को देखने के लिए दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ रही है। सिनेमाघरों में हाउसफुल के बोर्ड आम हो गए हैं, जो फिल्म की अपार सफलता की गवाही देते हैं। 

फिल्म में छत्तीसढ़िया संस्कृति और परंपराओं की बेहतरीन प्रस्तुति : सीएम साय 
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने फिल्म की सफलता पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि, 'सुहाग' छत्तीसगढ़ी संस्कृति और परंपराओं को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत करती है। उन्होंने अनुज शर्मा और फिल्म की पूरी टीम को बधाई दी और कहा कि ऐसी फिल्में राज्य के सिनेमा उद्योग को नई ऊंचाइयों पर ले जाएंगी। मुख्यमंत्री की यह प्रशंसा फिल्म के कलाकारों और निर्माताओं के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन है।

 CM Shri Sai watching the film with actor Anuj Sharma and BJP state president Kiran Deo
एक्टर अनुज शर्मा और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण देव के साथ फिल्म देखते हुए सीएम श्री साय।

हिंसा और फूहड़ता से दूर है फिल्म
'सुहाग' की सफलता यह भी साबित करती है कि साफ सुथरी और पारिवारिक कहानियों की आज भी उतनी ही मांग है। यह फिल्म उन लोगों के लिए एक ताज़ा हवा का झोंका है जो हिंसा और फूहड़ता से दूर रहकर मनोरंजन का आनंद लेना चाहते हैं। फिल्म के संवाद और दृश्य ऐसे हैं जिन्हें पूरा परिवार एक साथ बैठकर देख सकता है। अनुज शर्मा, जो न केवल एक लोकप्रिय अभिनेता हैं बल्कि एक जिम्मेदार विधायक भी हैं, ने इस फिल्म में अपने अभिनय का लोहा मनवाया है। उनकी सहज और प्रभावशाली अदाकारी ने दर्शकों को कहानी से गहराई से जोड़ा है। फिल्म के अन्य कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदारों को बखूबी निभाया है, जिससे फिल्म और भी जीवंत बन पड़ी है।

Chhattisgarhi family film Suhaag
फिल्म के एक सीन में एक्टर अनुज शर्मा

एक सुहागन का तलाक नहीं है आसान
फिल्म 'सुहाग' में लड़के के पिता का यह कथन विवाह की संस्था और उसके पारंपरिक मूल्यों की गहराई को दर्शाता है। जिस तरह से विवाह को एक पवित्र बंधन और धार्मिक संस्कार के रूप में स्थापित किया गया है, उसी प्रकार उसे तोड़ने की प्रक्रिया भी उतनी ही विधि-विधान और सम्मानजनक होनी चाहिए, यह विचार मार्मिक है। यह दृश्य दिखाता है कि उस समय समाज में विवाह को केवल दो व्यक्तियों का समझौता नहीं माना जाता था, बल्कि यह दो परिवारों और उनके मूल्यों का मिलन था। इसलिए, इसे समाप्त करने की प्रक्रिया भी उतनी ही गंभीरता और धार्मिक रीति-रिवाजों के अनुसार होनी चाहिए, जैसे कि इसे संपन्न किया गया था।ब्राह्मण के मंत्रों और सात वचनों को वापस करने की बात प्रतीकात्मक रूप से उस बंधन को तोड़ने का प्रतिनिधित्व करती है जो विवाह के समय स्थापित हुआ था। यह दर्शाता है कि तलाक केवल कानूनी प्रक्रिया नहीं है, बल्कि यह एक भावनात्मक और आध्यात्मिक विघटन भी है।

5379487