श्याम कारकू- बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चिकटराज देवता मंडाई- मेला का आयोजन किया गया है। इस अवसर पर दूर- दराज से मेले में पहुंचेदेवी -देवताओं की विधि- विधान से पूजा की गई। यह मेला हर साल प्रतिवर्ष चैत्र माह में चिकटराज समिति आयोजित करती है। यहां पर हर साल प्रदेश समेत अन्य राज्यों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे हैं।
चिकटराज समिति के अध्यक्ष रामचरण मांझी ने बताया कि, रविवार को यहां दूरदराज से गुज्जा देव, मारा देव, कनपराज, तुलडोकरी, नंगाभीमा, कंछीबारम निलपराज, हिरमा राज देव, उरो पोई भीमराज, चिन्नामारा पेद्दामारा, हुंगागुंडा, काटउर्रा, हिरमा गुंडा, हडमा राज, पिडगाराज के अलावा बमडा भोगराज पहुंचे है। चिकटराज समिति के अध्यक्ष मांझी ने यह भी बताया कि, विधि विधान के साथ पूजा पाठ कर चिकटराज देवता के मंदिर में मेले का आयोजन किया जाता है।

अन्य प्रदेशों से भी पहुंचते हैं श्रद्धालु
इस अवसर पर श्रद्धालु अपनी मनोकामना के साथ मंदिर में पहुंचते है। जिसके चलते यहां पर देर शाम तक पूजा - पाठ का दौर चलता रहता है। वहीं मेले में चिकटराज देवता के दर्शन के लिए छत्तीसगढ़ समेत महाराष्ट्र, ओडिशा, तेंलगाना से श्रद्धालु पहुंचते हैं। वहीं मंडई मेले में धमतरी कांकेर जगदलपुर, गीदम दन्तेवाडा से व्यापारी भी आते हैं।
दूर- दराज से मेले में आते हैं देवी- देवता
पुजारी ने बताया कि, बाबा चिकटराज देवता हमारे आराध्य देव है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र माह में ही पूरे विधि- विधान के साथ पूजा- पाठ की जाती है। यह मंडई मेला तीन दिनों तक मनाया जाता है। यहां रविवार से ही दूर दराज के देवी -देवताओं का आगमन हुआ है। पूजा- पाठ कर दूर-दराज से आए देवी- देवताओं का मेल मिलाप के बाद बाबा चिकटराज देवता के प्रागंण में मुख्य मंडई मेला का आयोजन किया गया।
साल में तीन दिन ही देवता के दर्शन करती हैं महिलाएं
मेले में आए हुए सभी देवी- देवताओं को बुधवार को विदाई दिया जायेगा। पुजारी ने बताया कि, महिलाएं बाबा चिकटराज देवता का दर्शन साल में तीन दिन ही कर सकती हैं। बाकी समय बाबा चिकटराज देवता का दर्शन करना महिलाओं के लिए वर्जित रहता है।