राहुल यादव- लोरमी। छत्तीसगढ़ के लोरमी में एक बार फिर निजी अस्पताल की लापरवाही के कारण 7 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई। मौके पर चाइल्ड रोग विशेषज्ञ के नहीं होने के कारण इलाज के आभाव में बच्चे की जान चली गई। बीते महीनों पहले भी अस्पताल से लापरवाही का मामला सामने आया था। इसके बाद भी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। 

दरअसल यह पूरी घटना लोरमी तहसील अंतर्गत मोहबंधा के पास आश्रित गांव बांधी की है। जहां के 7 साल के धनंजय को उनके पिता ओंकार गोंड ने मस्तिष्क ज्वर झटके की शिकायत के बाद सामुदायिक अस्पताल लेकर आए थे। अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद बच्चे को बेहतर इलाज के लिए आधे घंटे बाद रेफर कर दिया गया था। इसके बावजूद बुध केयर हॉस्पिटल के कर्मचारियों ने मृतक के परिजनों को निजी अस्पताल में बेहतर इलाज का झांसा देकर बच्चे को अस्पताल ले जाकर एडमिट कर दिया। जिसके बाद इलाज के अभाव में आदिवासी समाज के बच्चे की मौत हो गई। 

स्टाफ की लापरवाही से गई बच्चे की जान 

इस घटना को लेकर गांव के सरपंच हेमपाल मरावी ने बताया कि, घटना के दिन भर्ती करने से पहले अस्पताल स्टाफ के साथ बहस हुआ था। इसके बाद भी अस्पताल के स्टाफ मनमानी करते हुए बच्चे को एम्बुलेंस से बुध केयर लेकर चले गए। जहां पर मौके में कोई भी चाइल्ड स्पेशलिस्ट डॉक्टर मौजूद नहीं थे। बिना लाइसेंस के निजी अस्पताल का संचालन हो रहा है। 

प्राथमिक इलाज के बाद बच्चे को रेफर कर दिया गया था

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बेख़ौफ हो रहा अस्पताल का संचालन 

गांव के सरपंच ने बताया कि, कुछ महीने पहले भी एक गर्भवती महिला की मौत इसी अस्पताल में हुआ था। जिसके बाद राजपूत समाज के विरोध के बाद दोषी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर जेल भेजा गया था। जिसके बाद दोषियों की छोड़ दिया गया था। वहीं अब कुछ अन्य लोगों अस्पताल का संचालन कर रहे हैं। बेख़ौफ तरीके से निजी अस्पताल का संचालन किया जा रहा है। अस्पताल प्रबंधन मरीजों की जान के साथ खुलेआम खिलवाड़ कर रहे हैं। 

दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग 

इस पूरे मामले में गांव के सरपंच ने निष्पक्ष जांच के बाद दोषियों के खिलाफ जल्द ही कार्यवाही करने की मांग की है। कुछ माह पहले भी अस्पताल को सील करने के कार्यवाही के साथ प्रबंधन को जेल भेजने की कार्यवाही पुलिस विभाग ने की थी। इसके बाद भी जेल से छूटने के बाद खोल आम धड़ल्ले से सभी नियमों को तक में रखते हुए अस्पताल का नाम बदलकर संचालन किया जा रहा है। इससे क्षेत्रवासियों में आक्रोश का माहौल है।

SDM ने दिया कार्रवाई आश्वासन 

वहीं इस मामले में लोरमी के SDM अजीत पुजारी ने बताया कि, 7 साल के मासूम बच्चे की मौत बुध केयर अस्पताल के संचालक की मनमानी से हुई है। इस पूरे मामले में जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। SDM पुजारी ने लोगों से निजी क्लीनिक या अस्पताल में इलाज नहीं कराने की अपील करते हुए सभी से सामुदायिक अस्पताल में इलाज करने की अपील भी की है। 

मृतक बच्चे के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन को पैसे ट्रांसफर किए थे

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मृतकों के परिजनों से मांगे पैसे 

सरपंच ने यह भी बताया कि, वह बुध केयर हॉस्पिटल में अपने पड़ोसी 7 साल के बच्चे को भर्ती कराकर घर लौट गए थे। इसके बाद उन्हें मृतक के परिजनों का कॉल आया कि अस्पताल में पैसा जमा करना है। जिसके बाद PNB बैंक ब्रांच के राम सहाय नाम के शख्स के खाते में दो हजार रुपए फोन पे के माध्यम से ट्रांजैक्शन भी किया गया। जिसका स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है।

नर्सिंग होम एक्ट का नहीं हो रहा पालन

निजी अस्पताल संचालक खुलेआम नर्सिंग होम एक्ट का उल्लंघन कर रहे है। जिसका ताजा मामला सामने आया है जहां इलाज के अभाव में एक 7 साल के मासूम बच्चे की मौत हो गई है। मामले में अब जिम्मेदार अधिकारी जांच के बाद उचित कार्रवाई की बात भी कह रहे हैं।