रायपुर। छत्तीसगढ़ में भले ही नतीजों के मुताबिक भाजपा लोकसभा 11 में से 10 सीटें जीतने में कामयाब रही है, लेकिन अब आंकड़ों की चीफाड़ में कई ऐसे तथ्य उजागर हो रहे हैं जो पार्टी के अलार्मिंग हैं। 

सरगुजा लोकसभा सीट से बीजेपी के प्रत्याशी चिंतामणी महाराज भले ही चुनाव जीत गए हैं, लेकिन आँकड़े बताते हैं कि बीजेपी के प्रत्याशी चिंतामणि अपने गृह क्षेत्र की विधानसभा सहित तीन क्षेत्रों से लीड नहीं ले पाए। आंकड़ों के मुताबिक यदि रामानुजगंज सीट पर प्रदेश के मंत्री रामविचार नेताम ने मेहनत नहीं की होती तो सरगुजा लोकसभा सीट का परिणाम विपरीत भी आ सकता था। नेताम के क्षेत्र से भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी को स्वयं रामविचार नेताम के विस चुनाव से भी ज्यादा की लीड मिली है।

लेकिन ऐसा दूसरे विस क्षेत्रों में नहीं हो सका है। रामानुजगंज को छोड़ किसी सीटों पर विधानसभा का प्रदर्शन भाजपा नहीं दोहरा पाई है। सरगुजा लोकसभा में आठ विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। इनमें सामरी, लुंड्रा, रामानुजगंज, सीतापुर, अंबिकापुर, प्रतापपुर, भटगाँव और प्रेमनगर शामिल हैं। विधानसभा में बीजेपी इन सभी सीटों पर कब्जा जामने में सफल रही थी। इन सभी क्षेत्रों को मिलाकर बीजेपी की कुल बढ़त थी - 1 लाख 73 हजार 948, जबकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी केवल 64 हजार 882 मतों के अंतर से ही जीत पाए।

विधानसभा चुनाव में किस क्षेत्रवार बढ़त -

सामरी - 13943
लुंड्रा - 24128
सीतापुर - 17160
अंबिकापुर-94
रामानुजगंज -29663
प्रतापपुर - 11708
भटगाँव-43962
प्रेमनगर - 33290

इन तीन क्षेत्रों में तो पिछड़ भी गई भाजपा

सामरी विधानसभा-1331 मतों से पीछे
सीतापुर -10307 मतों से पीछे
प्रतापपुर - 711 मतों से पीछे

इन पांच क्षेत्रों में विस के मुकाबले बढ़त घटी

अंबिकापुर- 2922 मतों से बढ़त
रामानुजगंज- 39720 मतों से बढ़त
प्रेमनगर - 6079 मतों से बढ़त
लुंड्रा - 11838 मतों से बढ़त
भटगाँव - 16393 मतों से बढ़त

अपने गृह क्षेत्र सामरी में भी पिछड़े चिंतामणि महाराज

आपको बता दें कि, चिंतामणि महाराज का गृह क्षेत्र सामरी विधानसभा है। वे 2018 से 2023 तक इसी सामरी विधानसभा से कांग्रेस के विधायक रहे। इस क्षेत्र में तीन प्रमुख इलाके माने जाते हैं। राजपुर, शंकरगढ़ और कुसमी। इन तीनों ही क्षेत्र में चिंतामणि महाराज पीछे रहे। राजपुर क्षेत्र में कांग्रेस से क़रीब 12 हजार 500 से पीछे रहे। कुसमी क्षेत्र के 95 मतदान केंद्रों में से 36 मतदान केंद्रों में पीछे रहे। उल्लेखनीय है कि, सामरी आरएसएस का गढ़ माना जाता है। विधानसभा में यहाँ बीजेपी 19, 343 मतों के बड़े अंतर से जीती थी। लेकिन लोकसभा में करीब 1331 मतों से बीजेपी पीछे रह गई।

मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े के क्षेत्र में भी घटी लीड

सरगुजा लोकसभा में आने वाला भटगाँव विधानसभा क्षेत्र राज्य की महिला बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े का निर्वाचन क्षेत्र है। भाजपा इस सीट को विधानसभा में 43 हजार 962 मतों के अंतर से जीती थी, लेकिन लोकसभा में यह बढ़त घटकर 16, 393 पर रह गई।

टीएस की अनुपलब्धता भाजपा के काम आई

पीएम मोदी ने सरगुजा लोकसभा क्षेत्र के अंबिकापुर विस क्षेत्र में जनसभा को संबोधित किया था। सरगुजा लोकसभा की उस अंबिकापुर सीट पर विधानसभा में बीजेपी को 92 मतों की बढ़त थी, लोकसभा चुनाव में अंबिकापुर विधानसभा में बीजेपी को 2922 मतों की बढ़त मिली है। अंबिकापुर विधानसभा के आँकड़े पढ़ते हुए यह ध्यान रखा जाना चाहिए कि, क्षेत्र के क़द्दावर कांग्रेस नेता टीएस सिंहदेव पारिवारिक सदस्य के गंभीर स्वास्थ्यगत कारण से लगातार मुंबई में रहे। वे इस लोकसभा चुनाव में क्षेत्र में उतने सक्रिय नहीं थे। 

मंत्री नेताम की मेहनत रंग लाई

कृषि मंत्री रामविचार

सरगुजा लोकसभा क्षेत्र में जिस विस सीट से बीजेपी की जीत तय हुई, वह सीट रामानुजगंज विधानसभा की रही। यह कृषि मंत्री रामविचार नेताम की विधानसभा है। विधानसभा में मंत्री नेताम 29 हजार 663 मतों से जीते थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में मंत्री जी की मेहनत रंग लाई और बीजेपी की लीड यहां से बढ़ गई। यहां बीजेपी को 39 हजार 720 मतों की बढ़त मिली। बीजेपी सरगुजा लोकसभा में 64, 882 मतों से जीती है। सरगुजा लोकसभा की आठों विधानसभा में से जो लीड बीजेपी को रामानुजगंज में मिली, वह लीड सरगुजा लोकसभा की किसी अन्य विधानसभा से नहीं मिली। जहां थोड़ी बहुत लीड मिली भी तो वह विस चुनाव से कम ही रही।